गाजीपुर
घर के पास दफनाया गया गंगा किन्नर का शव

अपराधियों तक पहुंचने का पुलिस का दावा
नंदगंज (गाजीपुर)। चोचकपुर तिराहे पर दिनदहाड़े हुई गंगा किन्नर की हत्या के बाद बाजार में मचे बवाल के दो दिन बाद मंगलवार को शांति लौट आई। बाजार की सभी दुकानें खुलीं और जनजीवन सामान्य रहा। उधर, सोमवार रात करीब 9 बजे गंगा किन्नर के शव को बरहपुर गांव में पोखरी के पास स्थित उनके घर के समीप पुलिस की मौजूदगी में दफना दिया गया।
शव दफनाने को लेकर हुआ विवाद
शव को दफनाने को लेकर परिजनों और गांववालों के बीच करीब तीन घंटे तक विवाद चला। गांववालों ने पोखरी के पास शव दफनाने का विरोध किया, क्योंकि वह गांव समाज की जमीन है। हालांकि, प्रशासन की मौन सहमति के चलते परिजनों ने वहीं अंतिम संस्कार किया। इससे पहले, किन्नर समुदाय ने शव को अपने स्तर पर दफनाने की पेशकश की थी, लेकिन गंगा के पिता गणेश उपाध्याय ने इस पर सहमति नहीं दी।
29 दिसंबर को हुई थी हत्या
गंगा किन्नर की हत्या 29 दिसंबर को दिनदहाड़े चोचकपुर तिराहे पर हुई थी। गंगा किन्नर उस समय कपड़ा खरीद रही थीं, जब बदमाशों ने उन पर चार गोलियां दागीं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, एक गोली सिर में और तीन गोलियां सीने में लगी थीं। इस हत्या के बाद किन्नर समुदाय ने बाजार में दो दिनों तक नग्न तांडव किया, जिससे क्षेत्र में भय और अराजकता का माहौल बन गया। ऐसा अनुमान है कि इस घटना के पीछे भाड़े के हत्यारों का हाथ हो सकता है। सूत्रों के अनुसार किन्नरों के दो गुटों की आपसी रंजिश के चलते यह घटना हुई।
थानाध्यक्ष कमलेश कुमार ने बताया कि पुलिस ने पांच-छह लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। सूत्रों के अनुसार, पूछताछ के दौरान अपराधियों की सटीक जानकारी मिल गई है। थानाध्यक्ष ने आश्वासन दिया कि जल्द ही अपराधियों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया जाएगा।
गंगा किन्नर का अंतिम संस्कार होने के साथ ही क्षेत्र और पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली है। बाजार अब सामान्य हो चुका है, लेकिन गंगा किन्नर की हत्या ने क्षेत्र में किन्नर समुदाय और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।