गाजीपुर
गरीब पशुपालकों को सहारा देगी बकरी पालन योजना

10 अगस्त तक करें आवेदन
गाजीपुर। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अरविन्द कुमार शाही ने बताया कि उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति के भूमिहीन और गरीब पशुपालकों की आय बढ़ाने, कुपोषण से बचाव करने और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से बकरी पालन योजना शुरू की गई है। बकरी पालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था का अभिन्न हिस्सा है, जिससे दूध और मांस के रूप में पोषण और आय दोनों मिलते हैं। यह न्यूनतम जोखिम और अधिकतम लाभ वाला व्यवसाय माना जाता है। इस योजना के जरिए प्रदेश की कुल सकल आय में भी वृद्धि होगी और गरीब परिवारों को रोजगार का अवसर मिलेगा जिससे उनका सामाजिक और आर्थिक स्तर सुधरेगा।
योजना के अंतर्गत जनपद में 10 बकरी इकाइयां स्थापित की जाएंगी। हर इकाई में एक नर बकरा और पांच मादा बकरी दी जाएंगी। प्रति इकाई लागत 60,000 रुपये तय की गई है जिसमें राज्यांश 54,000 रुपये (90 प्रतिशत) और लाभार्थी अंश 6,000 रुपये (10 प्रतिशत) रहेगा। एक नर बकरे का मूल्य 10,000 रुपये तथा एक मादा बकरी का मूल्य 9,000 रुपये निर्धारित किया गया है। इस धनराशि से बकरियों का क्रय, परिवहन, बीमा और चिकित्सा का खर्च शामिल रहेगा।
लाभार्थी के लिए पात्रता निर्धारित की गई है जिसमें 18 वर्ष से अधिक आयु के अनुसूचित जाति के महिला या पुरुष बेरोजगार पशुपालक शामिल हैं जिनके पास बकरी रखने का उचित स्थान हो। विधवा और निराश्रित महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी जबकि चयन प्रक्रिया में 3 प्रतिशत दिव्यांगजन को भी सम्मिलित किया जाएगा।
आवेदन के साथ आधार कार्ड, अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र (ग्राम प्रधान का प्रमाण पत्र मान्य होगा), बैंक पासबुक की छायाप्रति जिसमें 6000 रुपये उपलब्ध हों, बकरी पालन प्रशिक्षण प्रमाण पत्र तथा विधवा, निराश्रित या दिव्यांगजन का प्रमाण पत्र संलग्न करना अनिवार्य है। योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक लाभार्थी अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय या मुख्य पशु चिकित्साधिकारी कार्यालय, विकास भवन गाजीपुर से संपर्क कर सकते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 10 अगस्त 2025 निर्धारित है।