वाराणसी
केंद्रीय मंत्री ने पराग डेरी और बायोगैस संयंत्र का किया दौरा

किसानों से की बातचीत
वाराणसी। केन्द्रीय पंचायती राज मंत्री और मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने पराग डेरी और बायोगैस संयंत्र, रामनगर, वाराणसी का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने स्थानीय किसानों को संबोधित किया और डेरी में चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया। इसके अलावा उन्होंने कुछ किसानों से वार्तालाप भी किया।
पराग डेरी के नए प्रबंध निदेशक एस. चन्द्रशेखर ने जानकारी दी कि 1 दिसंबर 2021 से वाराणसी दुग्ध संघ का संचालन राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (NDDB) कर रहा है। बीते तीन वर्षों में दुग्ध उपार्जन को 3,800 किलोग्राम प्रतिदिन से बढ़ाकर 82,000 किलोग्राम प्रतिदिन कर दिया गया है, जबकि दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता को 2 लाख लीटर प्रतिदिन तक पहुंचाया गया है। यह संयंत्र उत्तर प्रदेश में पराग का सबसे बड़ा, अत्याधुनिक और स्वतः संचालित प्लांट है, जिसकी कुल क्षमता 4 लाख लीटर प्रतिदिन है।
जल्द ही यह संयंत्र 20 मेट्रिक टन प्रतिदिन मिल्क पाउडर, 60 मेट्रिक टन प्रतिदिन फर्मेंटेड उत्पाद, और 2 मेट्रिक टन प्रतिदिन पारंपरिक मिठाइयों का उत्पादन भी प्रारंभ करेगा।

बायोगैस संयंत्र से ऊर्जा और पर्यावरण को लाभ
NDDB द्वारा 2022-23 में निर्मित बायोगैस संयंत्र की क्षमता 100 मेट्रिक टन गोबर से 4,000 क्यूबिक मीटर बायोगैस उत्पादन की है। यह बायोगैस डेरी प्लांट के बॉयलर में उपयोग होती है, जिससे ऊर्जा लागत में 20% तक की बचत हो रही है। इसके अलावा, आस-पास के गावों से गोबर संग्रहण के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता बढ़ी है। संयंत्र मीथेन गैस उत्सर्जन को कम करके पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रहा है और स्वच्छ भारत अभियान को मजबूती प्रदान कर रहा है।
इस दौरे में एनडीडीबी के कार्यपालक निदेशक (तकनीकी) एस. राजीव, पराग डेरी के प्रबंध निदेशक एस. चन्द्रशेखर, अन्य अधिकारी, मदर डेरी और IDMC के प्रतिनिधि तथा करीब 50 दुग्ध किसान उपस्थित रहे। कार्यक्रम के समापन पर मंत्री समेत अन्य अतिथियों को पराग उत्पादों और स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।