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वाराणसी

शिक्षा ही बदलाव की सीढ़ी है : प्रो.संजय कुमार

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सारनाथ (वाराणसी)। किसी भी समाज या देश को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा ही आधारशिला है। परम्पराओं का संवर्धन और संरक्षण भी शिक्षा के द्वारा ही किया जा सकता है।यह संदेश बीएचयू के कार्यवाहक कुलपति प्रो संजय कुमार ने केन्द्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान, सारनाथ के अतिश सभागार में 17वें तिब्बतन कालेज स्टूडेंट कांफ्रेंस 2025 में देश भर से आए तिब्बतन प्रतिभागियों को संदेश देते हुए कहा।

पांच दिवसीय कांफ्रेंस के उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि होने पर गर्व करते हुए कहा कि बुद्ध की धरती पर आकर हृदय भाव से भर जाता है। विदित हो कि तिब्बतन छात्र सम्मेलन की शुरुआत 2006 से हुई थी जो इस बार केन्द्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान सारनाथ में आयोजित हो रही है। जिसका उद्देश्य तिब्बतन युवाओं में अपनी संस्कृति और परम्पराओं के प्रति जागरूक एवं उनके संरक्षण करना है।

कार्यक्रम में स्वागत करते हुए संस्थान की कुलसचिव डॉ. सुनीता चंद्रा ने कहा कि हमारा संस्थान तिब्बती परम्परा के संरक्षण के संरक्षण के लिए ही बना है जिसके लिए हम लोग लगातार प्रयास कर रहे हैं। प्रेसिडेंट तेंजिन डोंडुप ने कार्यक्रम का उद्देश्य एवं प्रस्तावना रखी तथा वाचिंग गोंबू ने सबका धन्यवाद ज्ञापन किया।

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इस अवसर पर प्रो जंपा थुबतेन,प्रो लोबसंग तेनजिंग, डॉ महेश शर्मा, डॉ जसमित गिल सहित सैकड़ो छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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