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गाजीपुर

धूमधाम से मनाया गया सर काउंट सीजर मैटी का 216वां जन्मदिवस समारोह

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बहरियाबाद (गाजीपुर) जयदेश। विश्व प्रसिद्ध इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के जनक सर काउंट सीजर मैटी का 216वां जन्मदिवस शुक्रवार को जमानियां तहसील के ग्राम पाहसैयदराजा में डॉ. राजेंद्र प्रसाद मौर्य के क्लीनिक पर धूमधाम से मनाया गया।

समारोह में मुख्य अतिथि डॉ. राधेश्याम केसरी ने सर काउंट सीजर मैटी के चित्र पर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सर काउंट सीजर मैटी एक महान वैज्ञानिक और चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांति के जनक थे। उनका जन्म 11 जनवरी 1809 को इटली के बोलोग्ना प्रांत में हुआ था। उन्होंने 19वीं सदी में चिकित्सा के क्षेत्र में इलेक्ट्रो होम्योपैथी प्रणाली की शुरुआत की, जो आज भी लाखों लोगों के लिए स्वास्थ्य का स्रोत बनी हुई है।

सर काउंट सीजर मैटी ने प्राकृतिक सिद्धांतों पर आधारित चिकित्सा प्रणाली विकसित की। उन्होंने जड़ी-बूटियों और औषधीय पौधों का उपयोग करके 115 प्रकार की दवाइयाँ तैयार कीं। उनका उद्देश्य सस्ती, प्रभावी और सुरक्षित चिकित्सा प्रणाली प्रदान करना था। इलेक्ट्रो होम्योपैथी न केवल शरीर के रोगों को ठीक करती है बल्कि जीवन शक्ति और ऊर्जा को संतुलित करती है।

डॉ. राधेश्याम केसरी ने बताया कि काउंट मैटी ने दक्षिण भारत के मैंगलोर में कुष्ठ अस्पताल के लिए दान भी दिया था, जहां आज भी उनकी याद में उनका नाम अंकित है। उन्होंने 3 अप्रैल 1896 को अपनी अंतिम सांस ली, लेकिन उनकी चिकित्सा प्रणाली आज भी प्रासंगिक है।

डॉ. अशोक कुमार सिंह ने बताया कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी शरीर की ऊर्जा प्रणाली को संतुलित करती है और इसके दवाइयों का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता। यह प्रणाली सस्ती और सर्वसुलभ है, जो गरीब और जरूरतमंदों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है।

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डॉ. अनिल कुमार सिंह ने कहा कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी को दुनिया भर में अपनाया जा रहा है और यह हर्बल चिकित्सा पद्धतियों को प्राथमिकता देने वाले लोगों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है।

डॉ. राधेश्याम केसरी ने कहा कि भारत सरकार इलेक्ट्रो होम्योपैथी को संरक्षण देने की दिशा में काम कर रही है। राजस्थान में इसे मान्यता मिल चुकी है और अन्य राज्यों में भी मान्यता के प्रयास जारी हैं। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने इस पद्धति के प्रचार-प्रसार, शिक्षा और प्रैक्टिस की अनुमति पहले ही दे दी है।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. राधेश्याम केसरी ने किया। इस दौरान डॉ. राजेंद्र प्रसाद मौर्य ने कहा कि सर काउंट सीजर मैटी का जीवन हमें सिखाता है कि चिकित्सा मानवता की सेवा का पवित्र मार्ग है।

कार्यक्रम में डॉ. बी.एल. कुमार, श्रवण कुमार पटेल, महेंद्र पटेल, अनुज कुमार कुशवाहा, स्वामीनाथ कुशवाहा, राकेश कुमार राजभर, हिंद लाल, इश्तियाक अहमद, यशवंत राम, शिव बदन त्यागी सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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