वाराणसी
गोदौलिया-दशाश्वमेध क्षेत्र में प्रशासनिक अधिकारियों ने सात होटलों पर लगाया ताला

पार्किंग और एग्जिट क्षेत्र में मिली खामियां, फायर एनओसी के बिना संचालित हो रहे ज्यादातर होटल
काशी में पर्यटकों के बढ़ने के साथ ही काशी विश्वनाथ परिक्षेत्र और दशाश्वमेध क्षेत्र में होटलों की संख्या बढ़ गई है लेकिन पंजीकरण बिना ही यात्रियों को ठहरा रहे हैं। मानकों की अनदेखी कर अवैध तरीके से होटलों व गेस्ट हाउस संचालन की सूचना पर सोमवार को प्रशासनिक अधिकारियों ने छापेमारी की। एडीएम प्रोटोकॉल के साथ आठ विभागों की संयुक्त टीम ने टीम ने गोदौलिया से लेकर दशाश्वमेध क्षेत्र के कई होटलों में मानकों की पड़ताल की। गलियों में चल रहे गेस्ट हाउस, पेइंग हाउस में खामियां पाई गयी।
टीम ने फायर ब्रिगेड की एनओसी नहीं होने पर सात होटल सील कर दिए, इन होटलों पर मानक पूरे नहीं होने तक ताला लटका दिया। वहीं छोटी खामियों पर पांच होटल संचालकों को चेतावनी दी। पार्किंग और निकास समेत कई इंतजामों के अभाव में चलने वाले होटल और गेस्ट हाउस को नोटिस जारी किया है।
अपर जिलाधिकारी ने प्रभारी निरीक्षक दशाश्वमेध को उक्त होटलों पर दरोगा के माध्यम से निगरानी रखने तथा विकास प्राधिकरण को विविध कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया। इन सभी होटलों को नोटिस देकर चेतावनी दी कि यदि उनके द्वारा 3 सितम्बर से कोई बुकिंग की गई तो कड़ी दण्डात्मक कार्रवाई की जायेगी ।
एडीएम के साथ अपर नगर मजिस्ट्रेट (द्वितीय), प्रभारी निरीक्षक दशाश्वमेध, जोनल अधिकारी वीडीए, अग्निशमन सुरक्षा अधिकारी, पर्यटन अधिकारी, नगर निगम और पुलिस टीम की कार्रवाई देखकर होटल संचालकों में हड़कंप की स्थिति रही।
इन होटलों में नहीं मिले मानक तो लग गया ताला
एडीएम प्रोटोकॉल ने बताया कि, जंगमबाड़ी रोड पर होटल अगस्तो इन, दशाश्वमेध स्थित होटल रूद्राक्ष विला और होटल गार्डेन, गोदौलिया पर होटल नमस्ते बनारस में टीम ने दस्तावेज जांचे। इनके पास अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं मिला। इसके बाद सभी होटलों को तत्काल प्रभाव से बन्द करा दिया गया। एडीएम ने निर्देशित किया कि जब तक अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र न प्राप्त कर लिया जाये तब तक होटल का संचालन नहीं किया जायेगा।
इसके बाद टीम ने गोदौलिया के होटल द बनारस, होटल मंगल मारूति, होटल एमके ग्रांड बिना पंजीकरण के संचालित मिले। इस भवन में संचालन के लिए किसी भी विभाग की अनुमति नहीं मिली। उनके पास अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नहीं मिला।