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चन्दौली

“आजादी से पहले भी भारतीय शिक्षा के कायल थे अन्य देशों के लोग” : वीरेन्द्र सिंह

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चंदौली (जयदेश)। चंदौली जिले के रामगढ़ स्थित लोकनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय के 25 वर्ष पूर्ण होने पर रविवार को रजत जयंती समारोह धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि चंदौली सांसद वीरेन्द्र सिंह और विशिष्ट अतिथि सकलडीहा विधायक प्रभुनारायण सिंह यादव ने महाविद्यालय परिसर में मां सरस्वती, बाबा कीनाराम, लोकनाथ सिंह और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के तैल चित्र पर माल्यार्पण किया और दीप प्रज्वलित किए।

समारोह में महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों जैसे सरस्वती गीत, स्वागत गीत, एकांकी, अंताक्षरी, नृत्य, सामूहिक डांस, लोकगीत, चैती फगुआ आदि की शानदार प्रस्तुतियां दी गईं। महाविद्यालय के संस्थापक प्रबंधक धनंजय सिंह और डॉ. हरिश्चंद्र सिंह ने मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथियों को स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। इस दौरान गरीबों को चादर वितरण का कार्य भी मुख्य अतिथि ने किया।

मुख्य अतिथि सांसद वीरेन्द्र सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि हम सबके प्रेरणाश्रोत लोकनाथ सिंह की पुण्यतिथि हर वर्ष मनाई जाती है, जो हमें हर बार कुछ न कुछ सीख देती है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के समय भारत की शिक्षा पद्धति पूरी दुनिया में सराही जाती थी, लेकिन कुछ लोगों ने इस पद्धति को नष्ट करने की कोशिश की। आज भी विदेशों की लाइब्रेरी में हमारे ग्रंथों पर रिसर्च हो रहा है, लेकिन हमारी ज्योतिष पर कोई भी शोध करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता। उन्होंने भारतीय शिक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि वर्तमान में बच्चों को शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य नहीं समझा जा रहा है।

विशिष्ट अतिथि विधायक प्रभुनारायण सिंह यादव ने कहा कि लोकनाथ सिंह के नाम पर स्थापित यह विद्यालय लगातार उन्नति की दिशा में बढ़ रहा है। उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लेने की आवश्यकता है। उन्होंने महापुरुषों के योगदान को याद करते हुए कहा कि देश को आजादी दिलाने में उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

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इस अवसर पर विधायक मछली शहर डॉ. रागिनी सोनकर ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में डॉ. अखिलेश अग्रहरी, देवेंद्र प्रताप सिंह मुन्ना, राजीव सिंह मुन्ना, अजीत सिंह, वीरेन्द्र सिंह यादव, फैयाज अहमद, शाहिद अहमद, भानु प्रताप यादव, डॉ. संजय त्रिपाठी, अमृत प्रकाश सिंह, भृगुनाथ पाठक, अभय कुमार पीके, अरबिंद सिंह, नन्दू गुप्ता सहित कई सम्मानित व्यक्ति उपस्थित रहे।

समारोह की अध्यक्षता संत कुमार त्रिपाठी ने की, जबकि संचालन डॉ. विनय सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन आयोजक और संस्थापक प्रबंधक धनंजय सिंह ने किया।

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