मिर्ज़ापुर
अतिसंवेदनशील थानों पर युवा जांबाज पुलिस अफसरों की तैनाती जरूरी
मड़िहान (मिर्जापुर) अतिसंवेदनशील थानों में कानून व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने और अपराधियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए युवा और तेजतर्रार पुलिस अफसरों की तैनाती अनिवार्य मानी जा रही है।
योगी सरकार ने बीते वर्षों में प्रदेश की कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। इनमें 50 वर्ष से अधिक आयु के पुलिस कर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का प्रस्ताव भी शामिल था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि उम्रदराज पुलिस कर्मियों में तत्काल फैसले लेने और अपराधियों से निपटने की क्षमता में कमी आ जाती है। ऐसे में युवा और जोशीले अफसरों को थानों और सर्किलों की जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि युवा पुलिस अफसर न केवल तेज निर्णय लेने में सक्षम होते हैं, बल्कि अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था को बनाए रखने में भी अधिक सक्रियता दिखाते हैं। अतिसंवेदनशील थानों की कमान ऐसे अफसरों को सौंपने की जरूरत है, जो चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में तुरंत कार्रवाई कर सकें।
युवाओं पर फोकस
थानों और कोतवालियों में तेजतर्रार युवा पुलिस अफसरों की नियुक्ति से अपराध नियंत्रण में तेजी लाई जा सकती है। सीएम योगी का कहना है कि जिन कर्मियों की निर्णय क्षमता कमजोर हो चुकी है या जो शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं हैं, उन्हें फील्ड ड्यूटी से हटाकर कार्यालयों में तैनात किया जाना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि भारी-भरकम और जोड़ों के दर्द से पीड़ित पुलिसकर्मी अपराधियों का पीछा करने में असमर्थ होते हैं। ऐसे पुलिसकर्मियों की सीमित कार्यक्षमता अपराध नियंत्रण में बाधा बन सकती है। प्रदेश में कानून व्यवस्था को हर हाल में बेहतर बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि संवेदनशील क्षेत्रों में युवा और जोशीले पुलिस अफसरों को प्राथमिकता दी जाए।
मुख्यमंत्री के अनुसार, ऐसी तैनाती अपराधियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने और नागरिकों में सुरक्षा की भावना मजबूत करने में मददगार साबित होगी। सरकार की इस नीति का मुख्य उद्देश्य प्रदेश को अपराध मुक्त और कानून व्यवस्था को प्रभावी बनाना है।