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UPSC चेयरमैन ने कार्यकाल खत्म होने से पांच साल पहले दिया इस्तीफा

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इस्तीफा देने की बताई वजह

नई दिल्ली। यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) यूपीएससी के अध्यक्ष मनोज सोनी ने निजी कारणों के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वह मई 2023 में अध्यक्ष बने थे। उनका कार्यकाल 2029 में खत्म होना था। वह पीएम मोदी के काफी करीबी माने जाते हैं।‌

प्रख्यात शिक्षाविद् मनोज सोनी ने 28 जून 2017 को यूपीएससी आयोग के सदस्य के रूप में पदभार संभाला था। इसके बाद 16 मई, 2023 को उन्होंने UPSC अध्यक्ष का पदभार संभाला था, जिसका कार्यकाल छह साल का होता है।‌ उन्होंने कथित तौर पर लगभग एक महीने पहले राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। इस्तीफा देने से पहले उन्होंने कहा कि, वह अपने निजी कारणों की वजह से इस्तीफा दे रहे हैं।

UPSC क्या है ?

यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन (UPSC) केंद्र सरकार की ओर से विभिन्न परीक्षाओं के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसमें सिविल सेवा परीक्षाएं शामिल हैं। यह संस्थान आमतौर पर IAS, IFS, IPS और केंद्रीय सेवाओं में प्रतिष्ठित पदों के लिए उम्मीदवारों का लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के माध्यम से चयन करता है।

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कौन हैं मनोज सोनी ? जिन्होंने UPSC से दिया इस्तीफा –

UPSC में अपनी नियुक्ति से पहले सोनी ने कुलपति के रूप में तीन कार्यकाल पूरे किए थे। उन्होंने एक अगस्त 2009 से 31 जुलाई 2015 तक डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मुक्त विश्वविद्यालय (बीएओयू), गुजरात के कुलपति के रूप में लगातार दो कार्यकाल और अप्रैल 2005 से अप्रैल 2008 तक बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय (एमएसयू) के कुलपति के रूप में एक कार्यकाल पूरा किया। एमएसयू में नियुक्त होने के दौरान सोनी भारत में किसी विश्वविद्यालय के सबसे कम उम्र के कुलपति बने थे।

इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय संबंधों एवं राजनीति विज्ञान के विद्वान सोनी सरदार पटेल विश्वविद्यालय (एसपीयू), वल्लभ विद्यानगर में अंतरराष्ट्रीय संबंध विषय पढ़ाया करते थे। यूपीएससी का नेतृत्व अध्यक्ष करता है और इसमें अधिकतम 10 सदस्य हो सकते हैं। वर्तमान में यूपीएससी में सात सदस्य हैं, जो इसकी स्वीकृत संख्या से तीन कम हैं।

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