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गांव की चिट्ठी

बीएचयू एमएस के विरोध में स्टाफ का चौथे दिन विरोध-प्रदर्शन, कैंडल मार्च

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वाराणसी : सर सुंदरलाल अस्पताल में धरने पर बैठे नर्सिंग स्टाफ और ऑफिसरों ने अस्पताल के एमएस प्रो. केके गुप्ता के विरोध में कैंडिल मार्च निकाला। 400 से अधिक नर्सिंग स्टाफ ने ‘एमएस इस्तीफा दो’ का नारा लगाते हुए पदयात्रा की। प्रो. गुप्ता पर नर्सिंग ऑफिसर पर थप्पड़ मारने का आरोप लगा है। इस बात को लेकर आज चौथे दिन इमरजेंसी और IMS के गेट से लेकर मालवीय भवन तक पैदल चलते हुए स्टाफ ने महामना की प्रतिमा तक कैंडिल मार्च निकाली।

इस दौरान इमरजेंसी वार्ड के बाहर भी बड़ी संख्या में नर्सिंग स्टाफ ने कैंडिल जलाकर विरोध जताया। इसके अलावा पूरे दिन पोस्टर और बैनर लेकर बड़ी संख्या में स्टाफ की हुजूम उमड़ी। इन्होंने नारे लगाते हुए कहा कि रैली नहीं ये रेला है और वी वांट जस्टिस के साथ अपनी आवाज बुलंद की। वहीं मरीजों के इलाज की अव्यवस्था का आलम पूरे दिन इमरजेंसी के बाहर बरकरार रहा। यह कंडीशन 4 दिन से जस की तस बनी हुई है। निदेशक प्रो. बीआर मित्तल से लेकर एमएस तक गुहार लगा चुके हैं वे अपने काम पर लौट जाए। मगर स्टाफ मानने वाले नहीं हैं।

मरीजों की खस्ताहाल देखकर देख न तो अधिकारियों के दिल पसीजे और न ही धरनारत स्टाफ के। हालांकि पीड़ा में पड़े मरीजों की सहायता की भी गई, मगर ज्यादातर स्टाफ धरनारत थे, जिस कारण से मरीजों को बेहतर इलाज मिलने में खासा दिक्कतें आ रही हैं। एमएस केके गुप्ता के इस्तीफे की मांग पर ये नर्सिंग स्टाफ पिछले 5 दिन से धरनारत हैं। नर्सिंग स्टाफ ने प्रो. गुप्ता पर उनके ऑफिसर को थप्पड़ मारने का अरोप लगाया था। कहा कि जब तक वह अपना पद नहीं छोड़ेंगे तब तक धरना चलता रहेगा। इस दौरान 400 से अधिक नर्सिंग स्टाफ अपनी मांग पर अड़े हैं। इससे अस्पताल में इलाज की पूरी व्यवस्था चर्रमरा गई है। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की संख्या काफी कम हो गई है। वहीं, काफी हद तक मरीजों की संख्या भी अब अस्पताल में आनी कम हो गई है।

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