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डोमरी में विश्व कल्याणार्थ के हेतु सामूहिक मुण्डन संस्कार व महायज्ञ का शुभारम्भ

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रामनगर किला घाट से यज्ञ स्थल तक विशाल भव्य कलश यात्रा 21 फरवरी को

वाराणसी| विश्व कल्याणार्थ कोरोना जैसी घातक बीमारी के शमन के लिए वाराणसी के डोमरी ग्राम में माॅ गंगा के पावन तट पर सामूहिक मुण्डन संस्कार के साथ सीमाराम नाम जप रूद्र महायज्ञ का शुभारम्भ आज पूर्वान्ह से हो गया । मुण्डन संस्कार 1100 कार्यक्रम के सह यजमानों संग 51 ब्राहम्णों का होगा, जो महायज्ञ एवं 1008 नर्वदेश्वर शिवलिंगो पर रूद्राभिषेक व अन्य धार्मिक कार्यक्रमों को सम्पन्न करायेंगे। यह कार्य तपस्वी पूज्य संत आत्मानन्द दास महात्यागी (श्री नेपाली बाबा) के मार्ग दर्शन एवं आचार्य पं0 धीरेन्द्र मनीषी के आचार्यत्व में हो रहा है।
पूज्य संत नेपाली बाबा के अनुसार शारीरिक सुख पाप का कारण बनता है, जिस तरह किसी भी शिशु जन्म के निश्चित समय के बाद उसके मंगलमय जीवन के लिये उसका मुण्डन किया जाता है वैसे ही विश्व के जीव-जन्तुओं के सुख शांति, समृद्धि एवं उनके मंगलमय भविष्य के लिए सीताराम नाम जप रूद्र महायज्ञ के लिऐ कार्यक्रम के यजमान एवं ब्राहम्णों का मुण्डन किया जा रहा है।
यज्ञस्थल पर डुमरी ग्राम सूजाबाद नगर पंचायत (गाय घाट के सामने गंगा उसपार) दोपहर में पत्र-प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुऐ तपस्वी संत श्री नेपाली बाबा ने बताया कि मुण्डन संस्कार 23 फरवरी की प्रातः तक होता रहेगा, साथ ही अन्य धार्मिक अनुष्ठान चलते रहेंगे। 21 फरवरी सोमवार को प्रातः 11 बजे यज्ञ स्थल से गांजे-बाजे, हाथी-गोडे़ के साथ भक्त जन भजन-कीर्तन करते हुऐ कलश यात्रा निकलेगें, जो सेमरा, डूमरी मार्ग से रामनगर किला घाट जायेगी और वहाॅ से कलश में गंगा जल भरकर वापस इसी मार्ग यज्ञ स्थल पर विश्राम लेगें। इस यात्रा में सीताराम व उनके भक्तों की एक झांकी भी शामिल रहेगी। कलश यात्रा में 1100 युगल इन्द्र-इन्द्राणी वेश-भूषा में शामिल होंगे। 
आपने बताया कि 22 फरवरी मंगलवार को विधि-विधान के साथ पच्चांग पूजन एवं मण्डप प्रवेश होगा। अरणी मंथन एवं हवन से यज्ञ का प्रारम्भ 23 फरवरी बुद्धवार को होगा, जो 2 मार्च 2022 बुद्धवार तक चलेगा। अंतिम दिन कार्यक्रम की पूर्णाहूति भण्डारा संग होगी। 
पूज्य संत श्री आत्मानन्द दास महात्यागी (श्री नेपाल बाबा) के अनुसार वैदिक विद्वानों द्वारा 23 फरवरी से सात दिनांे तक प्रातः 8 बजे से सांय 5 बजे तक महायज्ञ के चारो द्वार पर वेद पारायण होगा। मण्डप प्रवेश के पश्चिम द्वार पर सप्ताहव्यापी श्रीमद् भागवत का पाढ़ होगा, उससे पूर्व 22 फरवरी 2022 मंगलवार से ही श्री रामचरित मानस का अखण्ड पाठ चारों कोने पर ब्राहम्णों द्वारा किया जायेगा।
आपने बताया कि 23 फरवरी 2022 की भोर से ही नित्य 4 से प्रातः 6 बजे, प्रातः 8 से 11 बजे फिर दोपहर 2 से 5 बजे सायं तक शिव पुराण के एक-एक श्लोक के उच्चारण के साथ हवन होगा। अवकाश का समय प्रातः 6 से 8 व पूर्वान्ह 11 से दोपहर  2 बजे तक रहेगा। सायं 5 से 6 बजे आरती-पूजन होगा। सत्संग प्रवचन दिन से रात्रि तक चलता रहेगा। साथ ही दुसरे मण्डप में 1008 नर्वदेश्र शिवलिंगों पर सीताराम नाम जप से अखण्ड रूद्राभिषेक होगा। अधिकाधिक भक्त उपरोक्त कार्यक्रम मंे सम्मिलित हो स्वयं के साथ अपनों के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करंे।
आपने बताया कि 11 मंजिल से यज्ञशाला मे 100 कुण्ड बनाया गया है, जिसकी ऊॅचाई 51 फीट, लम्बाई और चैड़ाई 147 फीट है, इस यज्ञशाला में ही 1100 इन्द्र तथा इन्द्राणी भगवान शिव के एक-एक मंत्र से हवन करेगें। दूसरी यज्ञशाला 136 फीट लम्बी, 136 फीट चैड़ी 51 फीट ऊॅची नौ मंजिल की बनायी गयी है, जिसमें 1008 नर्मदेश्वर शिवलिगों पर नौ दिनांे तक विद्वानों द्वारा अखण्ड रूद्राभिषेक किया जायेगा। सत्संग-कथा प्रवचन के लिए पण्डाल में 20,000 साधू-संत महात्माआंे एवं श्रद्धालु भक्तों के लिए भोजन प्रसाद आदि की व्यवस्था समय-समय पर सुनिश्चित की गयी है। वाहन पार्किंग के लिए स्टैण्ड बनाया गया है। गंगा उस पार गायघाट से इस पार यज्ञ में शामिल होने के लिऐ आवागमन हेतु नाव व बजडे़ की व्यवस्था की गयी है। सभी कार्य कोविड नियमांे का पालन करते हुये अनुशासन में सुनिश्चित किया गया है।
पत्रकारवार्ता से पूर्व समाजसेवी श्री दीनानाथ झुनझुनवाला ने बाबा विश्वनाथ की नगरी में संसार के जीव-जन्तुओं के कल्याण के लिऐ आहूत सीताराम नाम जप रूद्र महायज्ञ कराने के लिए श्री नेपाली बाबा के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते कहा कि यह काशी व आस-पास के लोगों के लिए सौभाग्य की बात है।
पत्रकारवार्ता में कथा के मुख्य यजमान श्री सत्यनारायण झुनझुनवाला, आयोजन सचिव आचार्य धीरेन्द्र मनीषी, अध्यक्ष श्री नत्थूसिंह पटेल, श्री महेन्द्र तिवारी डाॅ0 राजेन्द्र राय पं0 मनीष नन्दन मिश्र सुरेन्द्र तिवारी सहित बड़ी संख्या में यज्ञ के यजमान उपस्थित थे।

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