वाराणसी
BHU का नया फरमान: 232 स्थायी अधिकारियों के बंद होंगे CUG नंबर

वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) एक बार फिर अपने विवादित फैसले को लेकर सुर्खियों में है। इस बार विवि ने 232 स्थायी अधिकारियों के CUG (क्लोज्ड यूज़र ग्रुप) मोबाइल नंबर बंद करने का आदेश जारी कर दिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन के इस कदम को अफसरों ने ‘तुगलकी फरमान’ की संज्ञा दी है।
अब तक जिन नंबरों से मीडिया, मंत्रालय, शिक्षक और छात्र प्रतिनिधियों से आधिकारिक संवाद होता था, उन्हें 30 जून तक सरेंडर करने का निर्देश दिया गया है। यह वही CUG नंबर हैं जिन्हें पूर्व कुलपतियों ने पारदर्शी और मजबूत संवाद व्यवस्था के लिए आवंटित किया था।
कुलसचिव कार्यालय द्वारा जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि केवल 38 अधिकारियों को अपना CUG नंबर चालू रखने की अनुमति दी गई है। बाकी अधिकारियों को यदि नंबर सक्रिय रखना है, तो उन्हें पोस्टपेड से प्रीपेड कराना होगा। विवि की ओर से केवल ₹350 तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जबकि BSNL अधिकारियों का कहना है कि इस प्रक्रिया में नंबर करीब 60 दिनों तक बंद रह सकता है।
इस आदेश से परेशान अफसरों ने सवाल खड़े किए हैं कि जिन नंबरों को GEM पोर्टल, मंत्रालयीय पत्राचार, आरटीआई और अपील प्राधिकरणों में आधिकारिक तौर पर दर्ज किया गया है, उनके बंद होने से न केवल संवाद बाधित होगा, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रिया भी प्रभावित होगी।
किन अफसरों को मिली राहत, जारी हुई सूची
जिन अधिकारियों के CUG नंबर चालू रहेंगे, उनमें 14 डीन, 5 निदेशक, चीफ प्रॉक्टर, डिप्टी चीफ प्रॉक्टर, छात्र अधिष्ठाता (DSW), लाइब्रेरियन, परीक्षा नियंत्रक, गेस्ट हाउस कॉम्प्लेक्स के चीफ वार्डन, सर सुंदरलाल अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट और डिप्टी MS, यूडब्ल्यूडी के सुप्रिंटेंडिंग व एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, बागवानी विभाग के प्रभारी, सेनिटेशन सपोर्ट सर्विस के प्रोफेसर, ICU इंचार्ज, आंतरिक शिकायत समिति, लीगल सेल, एंटी रैगिंग कमेटी और सेंट्रल ऑफिस के केयरटेकर शामिल हैं।
इस फैसले के बाद कई वरिष्ठ अधिकारी असमंजस में हैं, क्योंकि लंबे समय से उपयोग में लाए जा रहे CUG नंबर अब आधिकारिक रजिस्ट्रियों से हटाए जाने की कगार पर हैं।
विश्वविद्यालय प्रशासन की इस नई व्यवस्था को लेकर अंदरखाने गहरी असहमति देखी जा रही है। सूत्रों के मुताबिक़ कई अफसर इस निर्णय को उच्च स्तर पर चुनौती देने की तैयारी में हैं।