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मिर्ज़ापुर

“अस्पताल को मछली बाजार नहीं बनने देंगे” : डॉ. संजीव कुमार सिंह

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90 दिनों में बड़ा बदलाव: मेडिकल कॉलेज में आपातकालीन सेवाओं से लेकर शिक्षा तक सुधार

मिर्जापुर। मां विंध्यवासिनी स्वशासी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संजीव कुमार सिंह ने 90 दिनों के अपने कार्यकाल में संस्थान और मंडलीय अस्पताल में उल्लेखनीय सुधार किए हैं। उन्होंने दावा किया कि न केवल शैक्षणिक व्यवस्था को उच्च स्तर पर ले जाया गया है, बल्कि अस्पताल की आपातकालीन सेवाओं और मरीजों के लिए सुविधाओं में भी बड़ा बदलाव हुआ है।

इमरजेंसी वार्ड में ऐतिहासिक सुधार
प्रिंसिपल डॉ. संजीव कुमार सिंह के अनुसार, जब उन्होंने कार्यभार संभाला, तब इमरजेंसी वार्ड की स्थिति बेहद दयनीय थी। लेकिन अब मरीजों के लिए 24 घंटे पैथोलॉजी जांच की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि पहले बीपी मशीन तक नहीं थी, जबकि अब 10 मशीनें उपलब्ध हैं। इमरजेंसी सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए छह बेड का आईसीयू वार्ड तैयार किया जा रहा है, जिसमें ब्लड टेस्ट, हेपेटाइटिस, डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड जैसी गंभीर बीमारियों की जांच भी होगी।

रैन बसेरा और एपेडेमिक वार्ड की सुविधा
अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों को राहत देने के लिए पर्चा काउंटर के पीछे 25 बेड का रैन बसेरा तैयार किया गया है। साथ ही, पहले बनाए गए 45 बेड के कोल्ड वेब वार्ड को एपेडेमिक वार्ड में बदला जाएगा, जिससे किसी भी संक्रामक बीमारी के फैलने की स्थिति में इसका उपयोग किया जा सके।

सस्ती दरों पर मिलेंगे सर्जिकल उपकरण
डॉ. संजीव कुमार सिंह ने केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि उनकी पहल पर मेडिकल कॉलेज में ‘अमृत फार्मेसी’ योजना लागू की जा रही है। इस योजना के तहत मरीजों को सर्जिकल उपकरण बाजार कीमत की तुलना में एक चौथाई दर पर उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे तीन लाख रुपये तक के उपकरण अब मात्र 75 हजार रुपये में मिल सकेंगे।

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मेडिकल कॉलेज का गौरव बढ़ाने का संकल्प
उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज की फैकल्टी में छह नए डॉक्टरों की नियुक्ति और 13 लोगों की पदोन्नति की गई है। उनका लक्ष्य है कि यहां पढ़ने वाला हर छात्र गर्व से कह सके कि वह “मिर्जापुर मेडिकल कॉलेज का प्रोडक्ट” है।

सुरक्षा और स्वच्छता पर विशेष ध्यान
प्रिंसिपल ने कहा कि अस्पताल की सुरक्षा के लिए पुलिस अधीक्षक से बात कर इमरजेंसी वार्ड के पास एक अतिरिक्त पुलिस चौकी स्थापित की जा रही है। साथ ही, महिला चिकित्सकों, नर्सों, छात्रों और तीमारदारों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं।

अस्पताल को मछली बाजार नहीं बनने देंगे
डॉ. संजीव कुमार सिंह ने स्पष्ट किया कि अस्पताल जीवन रक्षक केंद्र है, न कि “मछली बाजार।” उन्होंने कहा कि अव्यवस्था फैलाने वालों को हतोत्साहित किया गया है और मरीजों को रेफर करने पर भी नियंत्रण लगाया गया है।

90 दिनों में सुधार का सफल सफर
11 फरवरी को अपने 90 दिन पूरे होने पर उन्होंने जनता के सामने अपनी उपलब्धियों को साझा किया। उनके चेहरे पर आत्मविश्वास और संतुष्टि की झलक साफ दिख रही थी। उन्होंने आश्वासन दिया कि आने वाले समय में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की सेवाओं को और उन्नत किया जाएगा, ताकि मिर्जापुर का नाम चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में गर्व से लिया जा सके।

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