वाराणसी
घर के पास स्वास्थ्य सुविधायें पाकर गदगद हुयीं ममता और शैला देवी

बोले ग्रामीण – कोरौता आयुष्मान आरोग्य मंदिर बना वरदान
वाराणसी। काशी विद्यापीठ ब्लॉक के कोरौता ग्राम पंचायत में स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर ने स्वास्थ्य सुविधाओं में नई मिसाल कायम की है। करीब 9271 की आबादी वाले इस गांव के लिए यह अस्पताल एक वरदान बनकर उभरा है। एनक्वास (नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड) के हालिया मूल्यांकन में इस केंद्र ने 84.86% अंक हासिल कर अपनी गुणवत्ता का परचम लहराया।
“बेटी को टीका लगवाने में अब नहीं होती परेशानी”
ग्राम की निवासी ममता देवी, जो अपनी डेढ़ वर्षीय बेटी दिव्यांशी का टीकाकरण कराने आई थीं, ने बताया, “पहले स्वास्थ्य सेवाओं के लिए काफी दूर जाना पड़ता था। अब घर के पास ही यह सुविधा मिलने से न केवल समय बचता है, बल्कि बेहतर इलाज भी हो रहा है। गर्भवती महिलाओं और बच्चों को यहां नियमित जांच और टीकाकरण की सुविधा मिल रही है।”
शैला देवी ने बताई राहत की कहानी
64 वर्षीय शैला देवी, जो पहले बीपी और शुगर के इलाज के लिए महंगे प्राइवेट अस्पतालों पर निर्भर थीं, अब इस केंद्र की सेवाओं से लाभान्वित हो रही हैं। उन्होंने बताया, “यहां हर महीने मेरी जांच होती है और दवाइयां भी मुफ्त में मिलती हैं। अब घर के पास यह सुविधा पाकर मैं बेहद खुश हूं।”
समुदाय के लिए लगातार प्रयासरत सीएचओ
सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) प्रिया सिंह ने बताया कि अप्रैल 2022 से यहां कार्यभार संभालने के बाद से उन्होंने 4709 पुरुष और 4562 महिलाओं की आबादी वाले इस गांव में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया है। यहां कुल 623 बच्चे (0-5 वर्ष) हैं, जिनके लिए नियमित टीकाकरण और पोषण संबंधी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
आंकड़ों में कोरौता आयुष्मान आरोग्य मंदिर
(1) अप्रैल 2022 से अब तक कुल 183 प्रसव हुए, जिनमें से 117 स्थानीय लाभार्थी थे।
(2) 14 गर्भवती महिलाओं और 2 बच्चों का टीकाकरण हाल ही में किया गया।
(3) गांव में 8 आशा कार्यकर्ता और 6 आंगनबाड़ी केंद्र सक्रिय हैं।
(4) केंद्र पर हर बुधवार ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण दिवस मनाया जाता है।
सीएमओ ने की प्रशंसा
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संदीप चौधरी ने कहा, “प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में स्वास्थ्य सेवाओं का लगातार विस्तार हो रहा है। कोरौता आयुष्मान आरोग्य मंदिर ने एनक्वास में उच्च अंक प्राप्त कर एक मिसाल पेश की है।” उन्होंने यहां की टीम को बेहतर काम के लिए प्रोत्साहित किया।
सात मानकों पर मिला एनक्वास प्रमाणपत्र
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. वाईबी पाठक ने बताया कि केंद्र को गर्भावस्था और प्रसव देखभाल, शिशु स्वास्थ्य सेवाएं, किशोर स्वास्थ्य सेवाएं, परिवार नियोजन, संचारी और असंचारी रोग प्रबंधन जैसे सात मानकों पर उत्कृष्ट कार्य के लिए यह प्रमाणपत्र दिया गया है।
यह केंद्र ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं का एक आदर्श मॉडल बन गया है, जहां समय पर उपचार और जागरूकता गतिविधियां लोगों के जीवन को बेहतर बना रही हैं। आयुष्मान आरोग्य मंदिर का यह प्रयास न केवल कोरौता बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणास्रोत है।