पूर्वांचल
पौधे और जंगल को बचाएं, एक पेड़ आप स्वयं लगाएं

रिपोर्ट – एके फारूकी (भदोही संवाददाता)
भदोही (ज्ञानपुर)। विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस पर चकवा घनश्याम नहर पर अनवरत वृक्षारोपण के क्रम में 2482 वें दिन आंवला एवं अनार के फलदाई वृक्षों का वृक्षारोपण करते हुए राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कृत शिक्षक अशोक कुमार गुप्ता ने लोगों से आवाहन करते हुए कहा, हम सब संकल्प लें कि सबका पालन पोषण करने वाली इस धरती मां के अस्तित्व को संकट से बचाए रखने के लिए हम सब निष्ठा पूर्वक वृक्षारोपण करेंगे। धरती बचेगी तभी हम बचेंगे अन्यथा अभी-अभी हम प्रकृति के कहर को कोरोना के रूप में देखा है, जहां एक-एक सिलेंडर के लिए क्या-क्या करना पड़ा है और ऑक्सीजन मिलने की थोड़ी सी देरी में कितनों ने अपनों को खो दिया।
उन्होंने कहा कि, इस वर्ष भीषण गर्मी ने यह बता दिया कि विकास के नाम पर धरती को वृक्ष विहीन करने पर जिस प्रकार हम तुले हुए हैं। वह रास्ता सिर्फ विनाश की ओर जाता है। उसी का यह दुष्परिणाम है कि धरती का तापमान 50 से 52 डिग्री सेल्सियस पर हमें जीने के लिए बाध्य होना पड़ा। इस प्रचंड गर्मी में कितने काल के कलेवा बन गए। ईश्वर के इस अमूल्य धरोहर धरा को बचाए रखने की जिम्मेदारी स्वयं स्वीकार करते हुए धरती को बचाए अपने क्षणिक सुखों के लिए इसे बर्बाद ना करें। इस अवसर पर पवन कुमार अमन शर्मा कैलाश एवं आशुतोष ने उपस्थित होकर सहयोग प्रदान किया।