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वाराणसी

दीनदयाल अस्पताल में दूरबीन विधि से पथरी का सफल इलाज

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अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हुआ शोध

वाराणसी। दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल में दूरबीन विधि से पथरी का इलाज तेजी से किया जा रहा है। चीरा लगाकर ऑपरेशन करने की तुलना में लैप्रोस्कोपी तकनीक से संक्रमण का खतरा कम रहता है और मरीजों को दर्द से भी राहत मिलती है। सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी, सीएमएस डॉ. बृजेश कुमार और चिकित्सकों की टीम ने इस विधि पर शोध किया, जिसका प्रकाशन अंतरराष्ट्रीय जर्नल में हुआ है।

अस्पताल में इस साल अब तक 189 मरीजों का लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के माध्यम से इलाज किया गया है, जिसमें सबसे अधिक मरीज गाल ब्लैडर की पथरी से पीड़ित थे। सीएमएस डॉ. बृजेश कुमार ने बताया कि शोध में डॉ. प्रेमप्रकाश और डॉ. शिवेश जायसवाल भी शामिल रहे। शोध में यह निष्कर्ष निकला है कि लैप्रोस्कोपी विधि से ऑपरेशन करने पर चीरा लगाकर ऑपरेशन करने की विधि के मुकाबले कम रक्त हानि, कम दर्द, कम हॉस्पिटल में भर्ती रहने की अवधि और इंफेक्शन का खतरा होता है।

अध्ययन में कुल 260 मरीजों को शामिल किया गया जिसमें 160 मरीजों का ऑपरेशन लैप्रोस्कोपी से और 100 का चीरा विधि से किया गया। शोध को गुणवत्ता परख बनाने के लिए चिकित्सा शोध नियमों के अनुसार स्टैटिस्टिकल टूल्स से परखा गया। साथ ही अध्ययन में यह भी सुझाया गया है कि सर्जनों को लैप्रोस्कोपी विधि की ट्रेनिंग देने से आम मरीजों को और अधिक लाभ मिलेगा।

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