वाराणसी
चौरी- चौरा क्रांतिकारियों की वीर भूमि- अनिल जैन
वाराणसी।श्री अग्रसेन कन्या पी जी कॉलेज वाराणासी में वसंत पंचमी के अवसर पर ज्ञान की अधिष्ठात्री मां सरस्वती के पूजन अर्चन के बाद प्राचीन भारतीय इतिहास,पुरातत्व एवम् इतिहास विभाग द्वारा चौरी-चौरा शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ विभाग की छात्राओं दिव्या,दिव्यानी और निहारिका द्वारा प्रस्तुत देश भक्ति गीत से हुआ।महाविद्यालय के प्रबंधक श्री अनिल कुमार जैन ने कहा कि गोरखपुर की उर्वरा और राष्ट्रभक्ति से अभिसिंचित माटी ने हमेशा वीरों को जन्म दिया और यही कारण है कि देश के स्वतंत्रता आंदोलन में इस क्षेत्र की विशेष भूमिका रही है।महाविद्यालय के सह प्रबंधक श्री हरीश कुमार अग्रवाल ने वीर सपूतों का नमन करते हुए कहा कि उनकी शहादत के कारण ही आज हम आजाद भारत में रह रहे हैं। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो मिथिलेश सिंह ने कहा कि चौरी -चौरा की घटना स्वतंत्रा आंदोलन की वह महत्वपूर्ण कड़ी है जिसने आगे आने वाले समय के लिए एक महत्वपूर्ण पृष्ठभूमि का निर्माण किया।अपने भावपूर्ण वक्तव्य में डा सिंह ने इतिहास के पुनर्लेखन की पुरजोर वकालत करते हुए चौरी चौरा को कांड न कहकर स्वतंत्रता आंदोलन कहे जाने पर जोर दिया।साथ ही चौरी चौरा के घटना को गंभीरता से सोचने पर विवश कर दिया।प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डा दुष्यंत सिंह ने बड़े ही ओजपूर्ण ढंग से चौरी- चौरा की क्रांतिकारी घटना पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए बताया कि हमें भारत का गौरव जानना है तो एतिहासिक पुरास्थलों व पुस्तकालयों में जाना होगा।प्राचीन भारतीय इतिहास के असिस्टेंट प्रोफेसर व महाविद्यालय की उप नियंत्रक परीक्षा डा सरला सिंह ने चौरी चौरा के गुमनाम नायक शहीद अब्दुल्ला व बाद में देश के लिए कुर्बान हुए उनके बेटे रसूल की दास्तान सुनाकर सभी के आंखों के कोने को भिगो देने पर विवश कर दिय।ऐसे गुमनाम शहीदों को याद करने का दिवस भी आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर था।उन्होंने इस घटना से पूर्व महात्मा गांधी के यात्रा का भी जिक्र किया।प्राचीन इतिहास विभाग की बी ए की छात्रा आल्या सिंह ने भी अपनी बात रखते हुए कहा की मरते मरते मार गिराए,इसीलिए आजादी पाए।इस अवसर पर विभाग की छात्राओं दिव्या त्रिपाठी एवम निहारिका सिंह द्वारा देशभक्ति नृत्य भी प्रस्तुत किया गया।इस कार्यक्रम में छात्रा कल्याण अधिष्ठाता डा सुमन मिश्र,आई क्यू ए सी समन्वयक व अधिष्ठाता शैक्षणिक राज्य सरकार से शिक्षक श्री से सम्मानित डा अनीता सिंह, डा कुमुद सिंह, डा मृदुला व्यास, डा सुनील कुमार मिश्र, डा सुमन सिंह,सुश्री दिव्या पाल,डा निशा पाठक, डा सीमा अस्थाना, डा पूनम श्रीवास्तव, डा कंचन माला, डा ज्योति सिंह, डा उषा चौधरी,श्रद्धा वर्मा सहित अनेक शिक्षक,कर्मचारी गण एवम छात्राएं उपस्थित रहीं।कार्यक्रम का सफल संचालन विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर व क्रीड़ा परिषद की सचिव डा नंदिनी पटेल ने किया।धन्यवाद ज्ञापन कला,मानविकी व सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष डा ओ पी चौधरी ने किया और प्राचीन इतिहास विभाग को कार्यक्रम आयोजन के लिए बधाई भी दिया।साथ ही संकाय के अन्य विभागों से भी कार्यक्रम आयोजित करने हेतु आग्रह किया।कार्यक्रम का समापन वंदे मातरम से हुआ।