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गांव की चिट्ठी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों ‘घरौनी’ पाकर यूपी में अव्वल बना बनारस, एक क्लिक से 35 हजार लोगों को मिला प्रमाण पत्र

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वाराणसी। अमूल प्लांट समेत कई परियोजनाओं की आधारशिला रखने और लोकार्पण के लिए गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे। पिंडरा के करखियांव स्थित जनसभा स्थल के मंच से उन्होंने स्वामित्व योजना के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र दिया। प्रधानमंत्री के हाथों स्वामित्व योजना (घरौनी) का प्रमाण पत्र पाकर वाराणसी पूरे उत्तर प्रदेश में अव्वल बन गया।  

स्वामित्व योजना में प्रदेश में मॉडल के रूप में बनारस सबसे ज्यादा गांवों का सर्वे पूरा कर चुका है। एक महीने में जिले भर के 1020 गांवों की आपत्ति निपटा कर करीब 85 हजार परिवारों को घरौनी दे दी जाएगी। इसके जरिए गांवों में घर और खेती की जमीन से अलग भूखंडों पर होने वाले छोटे-छोटे विवादों से भी छुटकारा मिलने की उम्मीद है।

उत्तर  प्रदेश में सबसे ज्यादा घरौनी देने वाला जिला बना वाराणसी

मंच से पीएम मोदी के हाथों बटन दबने के बाद वाराणसी के 35 हजार लोगों को एक साथ घरौनी का लिंक पहुंच गया। इससे पहले भी वाराणसी के हजारों लोगों को घरौनी मिल चुकी है। ऐसे में अब तक वाराणसी पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा घरौनी देने वाला जिला बन गया। नए साल में 132 गांवों के 65 हजार घरों का स्वामित्व प्रमाणपत्र जारी करने की तैयारी है।

इसके अलावा 1020 गांवों का ड्रोन सर्वे पूरा कर लिया गया है और अब यहां के 745 गावों के लाखों घरों का मानचित्र पड़ताल के लिए भारतीय सर्वेक्षण विभाग को भेज दिया गया है। यहां बता दें कि सेवापुरी ब्लॉक के करीब 40 से अधिक गांवों में प्रमाणपत्र बांटा जा चुका है।

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योजना के तहत आबादी की जमीन का ड्रोन सर्वे किया गया है। ड्रोन सर्वे की जिम्मेदारी शासन से निजी कंपनी को दी गई है। सर्वे के बाद लेखपाल अपने ग्रामसभा के नक्शा से सत्यापन कर डिटेल रिपोर्ट राजस्व विभाग को मुहैया कराता है।

बताए चले की  गांवों में आबादी का रिकार्ड किसी के पास नहीं है। जबकि कृषि भूमि, ग्रामसभा, बंजर आदि भूमि का रिकार्ड तो रेवन्यू विभाग के पास होता है। कृषि भूमि का मालिकाना हक दिखाने के लिए खसरा खतौनी बनाई जाती है, लेकिन आबादी में बने घरों का मालिकाना हक के लिए कोई दस्तावेजी प्रमाण नहीं होता। इस योजना के तहत मालिकाना हक मिलने के बाद खतौनी की तर्ज पर घरौनी बनेगी। इसके आधार पर ग्रामीण बैंकों से लोन प्राप्त कर सकेंगे।

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