वाराणसी
5 दिनों में लाखों भक्तों ने किए ज्ञानवापी में शालिग्राम के दर्शन
मंदिर के प्रमाण मिलने के बाद भी मुस्लिम पक्ष मस्जिद पर अड़ा
वाराणसी। 5 दिनों में ही करीब तीन लाख से ज्यादा भक्तों ने ज्ञानवापी स्थित तहखाने और उसमें स्थापित विग्रहों ( मूर्ति शालिग्राम ) का झांकी दर्शन कर चुके हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। कुछ दिन पहले ही वाराणसी कोर्ट ने तहखाने में पूजा शुरू कराने का आदेश दिया था, जिसके बाद अगले ही दिन तड़के तीन बजे व्यास जी तहखाना खोला गया और साफ-सफाई के बाद पूजा शुरू हो गया।
हालांकि इस आदेश के खिलाफ मस्जिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट पहुंची, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट जाने को कहा। इसके बाद जब मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट गया तो पूजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और मामले की अगली सुनवाई 6 तारीख तय की है। व्यास तहखाने के 8 पिलर प्राचीन आदिव विश्वेश्वर मंदिर के अहम साक्ष्य है। यहां की छत काफी जर्जर हो चुकी है। तहखाने के गेट से मूर्तियों तक लाल रंग का मैट बिछाया गया है। व्यास तहखाने के अंदर अखंड ज्योति जल रही है।
एएसआई सर्वे में गहड़वाल काल के शिलालेख सबसे अहम हैं. शिलालेखों के कार्बन परीक्षण, उकेरे गए शब्द और अक्षरों के आधार पर माना गया है कि कई शिलालेखों की छाप गाहड़वाल काल के शिलालेखों से मिलती है। सर्वे में स्वास्तिक चिन्ह मिला है। इसके अलावा सबसे बड़ा प्रतीक शिव का त्रिशूल भी है। श्रीराम और शिव लिखी शिला भी मिला है।