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वाराणसी

सारनाथ से रिंग रोड तक होगा एलिवेटेड मार्ग का निर्माण

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वाराणसी के सारनाथ में पर्यटन को बढ़ावा देने और बौद्ध सर्किट को जोड़ने के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान से रिंग रोड तक फोरलेन एलिवेटेड रोड का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना के लिए शासन से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। जलभराव की समस्या को देखते हुए एलिवेटेड रोड बनाने का निर्णय लिया गया है जो प्रदेश का दूसरा ऐसा निर्माण होगा।

राजकीय सेतु निगम ने 11.80 मीटर लंबे इस एलिवेटेड रोड के लिए 179.30 करोड़ रुपये की लागत का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार किया है। हालांकि, शासन बजट को 150 करोड़ रुपये के आसपास रखने की इच्छा रखता है और इस पर विचार-विमर्श जारी है।

सारनाथ, भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली, प्रतिदिन हजारों देशी-विदेशी पर्यटकों का आकर्षण केंद्र है। यहां के पुरातात्विक अवशेष और बुद्ध का दर्शन-पूजन करने वाले पर्यटक विभिन्न देशों से आते हैं।

पहले योजना थी कि संग्रहालय से मुनारी मार्ग और फिर सिंहपुर गांव से फोरलेन सड़क बनाई जाए, लेकिन इसे सारनाथ रेलवे स्टेशन से जोड़ दिया गया। पूर्व मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने लोक निर्माण विभाग के माध्यम से फोरलेन सड़क बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन मामला आगे नहीं बढ़ा।

मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा ने फिर से पहल की और शासन को प्रस्ताव भेजा।यह एलिवेटेड रोड जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान से शुरू होकर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और वियतनाम मंदिर के पास से होते हुए रिंग रोड तक बनेगी। रिंग रोड का लेवल जमीन से नीचे होने के कारण सेतु निगम ने एलिवेटेड रोड का निर्णय लिया। प

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हले 290 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे शासन ने कम करके 179.30 करोड़ रुपये का डीपीआर मंजूर किया। इस निर्माण से पर्यटकों को सारनाथ से रिंग रोड तक पहुँचने में सुविधा होगी और वे चंदौली होते हुए बोधगया, कुशीनगर और लुंबिनी भी जा सकेंगे।

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