राज्य-राजधानी
यूपी में बनेंगे 71 राजकीय महाविद्यालय, हजारों पदों पर होगी नियुक्तियां

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्च शिक्षा को मजबूती प्रदान करने के लिए 71 नए राजकीय डिग्री कॉलेज स्थापित करने का निर्णय लिया है। इनमें 54 नवनिर्मित व निर्माणाधीन कॉलेज और 17 विश्वविद्यालयों के संघटक कॉलेज शामिल हैं। इस कदम से प्रदेश में राजकीय डिग्री कॉलेजों की संख्या 171 से बढ़कर 242 हो जाएगी।
गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने जानकारी दी कि इन नए कॉलेजों के संचालन के लिए 71 प्राचार्य, 1136 असिस्टेंट प्रोफेसर, 639 तृतीय श्रेणी कर्मचारी और 710 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद सृजित किए गए हैं।
17 संघटक कॉलेजों को मिलेगा राजकीय दर्जा
कैबिनेट के फैसले के अनुसार, विश्वविद्यालयों के 17 संघटक कॉलेजों को अब राजकीय डिग्री कॉलेज के रूप में संचालित किया जाएगा। अभी तक इन कॉलेजों पर विश्वविद्यालयों का पूर्ण प्रशासकीय, वित्तीय और शैक्षणिक नियंत्रण था। लेकिन संसाधनों की कमी के कारण विश्वविद्यालय इनका संचालन करने में असमर्थता जता चुके हैं। अब ये कॉलेज राज्य सरकार द्वारा चलाए जाएंगे।

54 नवनिर्मित कॉलेज भी होंगे शामिल
राज्य सरकार ने नवनिर्मित और निर्माणाधीन 54 कॉलेजों को भी राजकीय डिग्री कॉलेज के रूप में शामिल करने का निर्णय लिया है। इन कॉलेजों को सार्वजनिक-निजी सहभागिता (पीपीपी) मॉडल से संचालित करने की बजाय पूरी तरह सरकार के नियंत्रण में रखा जाएगा।
8.26 लाख जनसंख्या पर होगा एक डिग्री कॉलेज
प्रदेश में अब 8.26 लाख की आबादी पर एक राजकीय डिग्री कॉलेज उपलब्ध होगा। इससे पहले यह अनुपात 11.70 लाख प्रति कॉलेज था। उत्तर प्रदेश का सकल नामांकन अनुपात (GER) फिलहाल 24.1% है, जिसे 2035 तक 50% तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
नए कॉलेजों में नियुक्तियां और संरचना
हर नए कॉलेज में एक प्राचार्य, 16 असिस्टेंट प्रोफेसर, 9 तृतीय श्रेणी कर्मचारी और 10 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नियुक्त किए जाएंगे। कुल मिलाकर, इन कॉलेजों के संचालन के लिए 2556 पदों पर भर्ती होगी। सरकार के इस निर्णय से विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर मिलेंगे। साथ ही प्रदेश में युवाओं के लिए रोजगार के नए दरवाजे खुलेंगे। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस फैसले से शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आएगा, जिससे प्रदेश के विद्यार्थियों को अधिक संसाधन और बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।