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मोदी सरकार में श्रमशक्ति को मिली नई पहचान, 17 करोड़ से अधिक नौकरियां सृजित : डॉ. मनसुख मांडविया

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मोदी सरकार में EPFO – ESIC में क्रांतिकारी सुधार, श्रमिकों को मिली पारदर्शी और सुलभ सेवा

नई दिल्ली। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री और केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने बताया कि, भारत जब 2047 में अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मनाने की ओर अग्रसर है, तब श्रम शक्ति को सशक्त बनाना और देश को विकसित भारत की दिशा में ले जाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने रोजगार सृजन, सामाजिक सुरक्षा और श्रमिक कल्याण के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धियां दर्ज की हैं।

वर्ष 2014 से पहले भारत का श्रम परिदृश्य असंतुलित और सामाजिक सुरक्षा का दायरा सीमित था, लेकिन मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया जैसी पहलों के जरिए व्यापक बदलाव लाए गए। वर्ष 2014 से 2024 के बीच 17 करोड़ से अधिक नौकरियां सृजित की गईं, जबकि नियोजन दर 46.8% से बढ़कर 58.2% हो गई। बेरोजगारी दर भी 6% से घटकर 3.2% पर आ गई है।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी ऐतिहासिक प्रगति दर्ज की गई है। महिला रोजगार दर 22% से बढ़कर 40.3% हो गई है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 96% और शहरी क्षेत्रों में 43% की वृद्धि हुई। वहीं युवाओं की रोजगार क्षमता 33% से बढ़कर 55% हो गई और युवा बेरोजगारी दर 17.8% से घटकर 10.2% पर आ गई है। यह परिवर्तन डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे राष्ट्रीय करियर सेवा पोर्टल और कौशल विकास कार्यक्रमों की बदौलत संभव हुआ है।

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मोदी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि देश के असंगठित कार्यबल को पहचान और सुविधा देना है। वर्ष 2021 में शुरू हुए ई-श्रम पोर्टल से 30 करोड़ 80 लाख से अधिक असंगठित कामगार जुड़ चुके हैं। यह पोर्टल उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ता है और डिजिटल समावेशन का सशक्त उदाहरण बन चुका है।

ईपीएफओ और ईएसआईसी जैसी संस्थाओं में भी संरचनात्मक सुधार हुए हैं। वर्ष 2013-14 में जहां ईपीएफओ के पास 11.78 करोड़ सदस्य थे, वहीं 2024-25 में यह संख्या 34.63 करोड़ पहुंच गई। इसी अवधि में ईएसआईसी का कवरेज 393 जिलों से बढ़कर 700 जिलों में फैल गया और लाभार्थियों की संख्या 15.87 करोड़ तक पहुंच गई।

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार भारत का सामाजिक सुरक्षा कवरेज 2015 में जहां मात्र 19% था, वहीं 2025 में यह बढ़कर 64.3% हो गया है। 94 करोड़ से अधिक कामगार आज कम से कम एक सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ ले रहे हैं, जिससे भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी वेलफेयर सिस्टम बन चुका है।

डॉ. मनसुख मांडविया, केंद्रीय श्रम एवं रोजगार और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री के अनुसार, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि श्रमिक केवल व्यवस्था का हिस्सा नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण के केंद्र में हों। भारत अब दुनिया का सबसे कुशल, सुरक्षित और सशक्त कार्यबल बनने की दिशा में अग्रसर है।

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