वाराणसी
महिला को डिजिटल अरेस्ट कर 55 हजार की साइबर ठगी

लगातार मिल रही जान से मारने की धमकी, एफआईआर दर्ज
वाराणसी में साइबर अपराधियों ने एक महिला को अपने जाल में फंसाकर न केवल मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, बल्कि उससे 55 हजार रुपए की ठगी भी कर ली। आरोपियों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर महिला को डिजिटल अरेस्ट में रखा और उसके बच्चों को जान से मारने की धमकी दी। फिलहाल इस मामले में कैंट थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
19 मार्च को आया था फोन, पुलिस अधिकारी बन दी धमकी
वाराणसी के कैंट थाना क्षेत्र के फुलवरिया की रहने वाली एक महिला ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि 19 मार्च की सुबह 11 बजे उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर (8871410798) से कॉल आई। कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को लखनऊ पुलिस मुख्यालय का अधिकारी बताया।
महिला के अनुसार, आरोपी ने कहा, “तुम्हारा एक अश्लील वीडियो हमारे पास है, जिसे हम किसी भी समय वायरल कर सकते हैं।” उस समय महिला घर पर अकेली थी, जिससे वह घबरा गई।
बच्चों को जान से मारने की धमकी देकर डिजिटल अरेस्ट किया
महिला ने अपनी शिकायत में बताया कि आरोपी ने धमकी देते हुए कहा कि अगर उसने उनकी मांग पूरी नहीं की तो वीडियो वायरल कर देंगे और उसके बच्चों को जान से मार देंगे। इसके बाद महिला को मानसिक दबाव में रखते हुए करीब एक घंटे से अधिक समय तक डिजिटल अरेस्ट में रखा गया।
इस दौरान साइबर अपराधी ने महिला से गूगल पे के माध्यम से आकाश सिंह नामक व्यक्ति के खाते में 55 हजार रुपए ट्रांसफर करवा लिए। पैसे ट्रांसफर होने के बाद आरोपी ने फोन काट दिया।
पति की सूचना पर साइबर क्राइम हेल्पलाइन में की गई शिकायत
महिला ने जब इस घटना की जानकारी अपने पति को दी तो वे तुरंत घर पहुंचे। घटना की गंभीरता को समझते हुए उन्होंने उसी दिन नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करवाई।
लगातार मिल रही जान से मारने की धमकी
पीड़िता ने बताया कि शिकायत दर्ज कराने के बाद भी उन्हें अलग-अलग नंबरों से जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। इससे परिवार काफी डरा हुआ है।
“हमने कैंट थाने में तहरीर देकर उचित कार्रवाई की मांग की है, ताकि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और हमारी सुरक्षा सुनिश्चित हो,” महिला के पति ने कहा।
पुलिस ने दर्ज की एफआईआर, जांच जारी
कैंट थाना प्रभारी ने बताया कि, “पीड़िता की तहरीर पर अज्ञात साइबर अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।हम तकनीकी टीम की मदद से आरोपी के बैंक खाते और कॉल डिटेल्स की जांच कर रहे हैं। जल्द ही अपराधियों को पकड़ लिया जाएगा।”
पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध कॉल पर व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें और ऐसी घटनाओं की तुरंत सूचना 1930 साइबर क्राइम हेल्पलाइन या नजदीकी पुलिस स्टेशन में दें।