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मुम्बई

महाराष्ट्र : हजारों हिन्दी शिक्षकों पर मंडराया नौकरी जाने का खतरा, आंदोलन की दी धमकी

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छात्रों को हिन्दी से दूर करने की कोशिश का‌ शिक्षकों ने लगाया आरोप

रिपोर्ट – धर्मेंद्र सिंह धर्मा, ब्यूरो चीफ मुंबई

मुंबई। राज्य भर के स्कूलों मे दूसरे माध्यम के स्कूलों मे पांचवी कक्षा से हिन्दी अनिवार्य है। ऐसे मे अब राज्य सरकार ने हिन्दी विषय छठवीं से करने का निर्णय लिए जाने से शिक्षकों पर नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में राज्य भर के शिक्षकों ने इस निर्णय को रद्द करते हुए हिन्दी पहली कक्षा से शुरू करने की मांग की गई है। इस मांग का निवेदन राज्य के शिक्षण मंत्री को सौंपी है।इस संदर्भ मे राज्य के शिक्षक मंत्री को निवेदन किया गया है कि इस निर्णय को वापस नहीं लिया गया तो इस निर्णय के खिलाफ राज्य भर के शिक्षकों द्वारा आंदोलन किया जाएगा।‌

बता दें कि, 1964 कोठारी आयोग के अनुसार त्रिभाषा के सिफारिश अनुसार राज्य मे मराठी प्रथम भाषा ,हिन्दी दिवतीय ओर अंग्रेजी तृतीय भाषा इन तीनों भाषा माध्यमिक स्तर पर अनिवार्य रूप से पढ़ाने चाहिए। उसके अनुसार राज्य मे पहले से हिन्दी विषय पाँचवी कक्षा से पढ़ाई जा रही है।

लेकिन वर्तमान मे सरकार द्वारा लिए गए एक निर्णय के अनुसार अब हिन्दी विषय छठवी कक्षा से पढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके खिलाफ राज्य भर के शिक्षकों मे काफी नाराजगी देखने मिल रही है। इस निर्णय के अनुसार राज्य भर के मराठी, अंग्रेजी और अन्य माध्यम के स्कूलों मे पाँचवी कक्षा के शिक्षक अतिरिक होने के साथ ही छात्रों को हिन्दी विषय से दूर करने की कोशिश की जा रही है। ऐसे मे शिक्षकों की मांग है कि हिन्दी को छठवी से करने के बजाय पहली से की जानी चाहिए। इससे छात्रों मे हिन्दी के प्रति रुचि बढ़ने के साथ ही हिन्दी को बढ़ावा मिलेगा।

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