राष्ट्रीय
भारतीय सेना को मिला अत्याधुनिक AT-15 ड्रोन
सेना की क्षमताओं में वृद्धि
बेंगलुरु। भारतीय रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और सफलता मिली है। एस्टीरिया एयरोस्पेस (Asteria Aerospace) ने AT-15 वर्टिकल टेकऑफ़ और लैंडिंग (VTOL) ड्रोन का सबसे बड़ा अनुबंध पूरा करते हुए इन्हें सेना को सौंप दिया है। ये ड्रोन न केवल आंतरिक सुरक्षा में मदद करेंगे बल्कि सीमाओं पर सेना की निगरानी क्षमता को भी बढ़ाएंगे।
इस अवसर पर एस्टीरिया एयरोस्पेस के निदेशक और सह-संस्थापक नील मेहता ने कहा, “देश में निर्मित AT-15 सर्विलांस ड्रोन रक्षा मंत्रालय को सौंपकर हमने यह सिद्ध किया है कि भारतीय कंपनियां रक्षा क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तत्पर हैं।”
ड्रोन की अनूठी विशेषताएं
AT-15 ड्रोन को विशेष रूप से भारतीय भूभाग और सैन्य आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
ऊंचाई पर भी सक्षम: यह ड्रोन 6,000 मीटर की ऊंचाई पर तेज़ हवाओं में भी स्थिरता के साथ कार्य करने में सक्षम है।
मैन पोर्टेबल: हल्का और मजबूत डिज़ाइन इसे आसानी से परिवहन योग्य बनाता है।
ऑप्टिकल क्षमताएं: हाई-रेजोल्यूशन EO-IR पेलोड से लैस यह ड्रोन दिन और रात में साफ़ तस्वीरें प्रदान करता है।
उड़ान समय और रेंज: 120 मिनट की उड़ान क्षमता और 20 किमी तक देखने की रेंज इसे दुश्मन की गतिविधियों पर लगातार नज़र रखने में सक्षम बनाती है।
ब्लेंडेड विंग डिज़ाइन: यह डिज़ाइन इसे तेज़ उड़ान और वर्टिकल टेकऑफ़-लैंडिंग की सुविधा देता है, जिससे इसे छोटी जगहों से भी संचालित किया जा सकता है।
सेना की क्षमताओं में वृद्धि
AT-15 ड्रोन सेना की तोपों को अचूक निशाना लगाने में मदद करेंगे। सीमाओं पर निगरानी के साथ-साथ ये ड्रोन खुफिया जानकारी एकत्रित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। पर्वतीय क्षेत्रों में इनकी उपयोगिता खास तौर पर महत्वपूर्ण है, जहां परंपरागत उपकरणों की सीमाएं होती हैं।
एस्टीरिया एयरोस्पेस के पास बेंगलुरु में 28,000 वर्ग फुट की DSIR-अनुमोदित रिसर्च लैब है। यह लैब उच्च गुणवत्ता वाले उपकरण और भविष्य के लिए उन्नत तकनीकी समाधान तैयार करने में अग्रणी है। यह अनुबंध न केवल भारतीय रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण का उदाहरण है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारतीय कंपनियां वैश्विक मानकों के उत्पाद तैयार करने में सक्षम हैं। AT-15 ड्रोन की डिलीवरी ने भारत को सुरक्षा के मामले में एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया है।