पूर्वांचल
भाजपाई नेता से नाराज हुए उनके ही गांव के लोग, विकास के मामले में फिसड्डी साबित

रिपोर्ट – विकास सिंह (ब्यूरो चीफ, जौनपुर)
जौनपुर। लोकसभा चुनाव 2024 में पराजित हुए जौनपुर के भाजपा के ही एक दिग्गज नेता जिले में घूम घूम कर विकासात्मक कार्य कराने के बड़े बड़े दावे करते फिर रहे है। दूसरों द्वारा कराये गये विकासात्मक कार्यों का स्वयं क्रेडिट लेकर पब्लिसिटी हासिल करने के प्रयास में रहते हैं। लेकिन खुद अपने गांव और आसपास के गांव के किसानों को बिजली की व्यवस्था नहीं करा पा रहे है और पूरे जिले में विकास का ढिंढोरा पीट रहे है।
बता दें कि, सहोदरपुर गांव की जिला मुख्यालय से लगभग 20 किमी दूर स्थित सहोदरपुर गांव में पावर हाउस स्थापित है यहां से ग्रामीण किसानो को बिजली की आपूर्ति न किए जानें पर नाराज ग्रामीण जनो ने 28 जुलाई रविवार की सुबह बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने पावर हाउस पर पहुंचकर जम कर हंगामा करना शुरू कर दिया और जबरदस्ती पावर हाउस की लाइन को बंद करवा दी।इस घटना के बाद एसडीओ मौके से फरार हो गए और अपना फोन बंद कर लिए।
ग्रामीणों ने एसडीओ के खिलाफ नारे लगाए और बिजली बनवाने की मांग की। ग्रामीणों की माने तो पिछले तीन दिनों से क्षेत्र के 12 से अधिक गांवों को बिजली सप्लाई नहीं मिल पा रही है, जिससे धान की फसल का सत्यानाश हो रहा है। नर्सरी सूख रही हैं रोपाई नहीं हो पा रही हैएक तरफ शासन-प्रशासन किसानों की समस्या को हल करने में जुटा हुआ है। दूसरी तरफ, विद्युत निगम है कि बिजली की कटौती करके लोगों को परेशान कर दिया है।खबर है कि तेजी बाजार, मरगुपुर, इरशादपुर, कपूरपुर, बरचौली, भूतहा, सहोदरपुर, दादूपुर, गौरा आदि गांव की बिजली कई दिनों से लगातार बाधित है। कोई भी अधिकारी या नेता ग्रामीण जनों की बातों को नहीं सुन रहा है।
ग्रामीणजन ने शासन प्रशासन से मांग करते हैं कि अविलंब बिजली की आपूर्ति बहाल कराने की मांग है साथ ही चेतावनी दी है कि यदि व्यवस्था में सुधार नहीं होगा तो ग्रामीण जन सड़क जाम करके प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे, जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से प्रशासन की होगा।
भाजपा नेता खुद सहोदरपुर गांव के मूल निवासी है। बिजली के संकट से खुद उनका भी परिवार जूझता होगा इसके बाद भी नेता जी समस्या का निराकरण नहीं करा सके है और दावे सुनिए तो पता चलता है कि इनकी ताकत बहुत बड़ी है और विकास पुरुष यही बन सकते है। हलांकि जनमत है कि नेता जी को पहले अपने जन्म स्थली की समस्या को दूर करना चाहिए ताकि ग्रामीण जन किसी तरह का आन्दोलन से बच सके।