वाराणसी
बीएचयू हॉस्टल में ड्रग्स सप्लाई का भंडाफोड़, एक करोड़ की नशीली दवाएं और इंजेक्शन बरामद

कैसे हुई कार्रवाई ?
वाराणसी में नारकोटिक्स विभाग ने लंका थाना क्षेत्र के सीर गोवर्धन में एक जनरल स्टोर पर छापा मारकर 1 करोड़ से अधिक मूल्य की नशीली दवाओं और इंजेक्शनों का भंडार जब्त किया। मामले में दुकानदार रामबाबू सिंह को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि बीएचयू हॉस्टल और आसपास के क्षेत्रों में पढ़ाई के लिए रहने वाले छात्र-छात्राएं उसके प्रमुख ग्राहक थे।
कैसे हुई कार्रवाई ?
नारकोटिक्स विभाग को बीएचयू हॉस्टल और उसके आसपास के इलाकों में ड्रग्स सप्लाई की शिकायतें मिली थीं। इसके बाद यूपी नारकोटिक्स कमिश्नर दिनेश बौद्ध के निर्देशन में गाजीपुर एसपी केके श्रीवास्तव के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया।
टीम ने एक सप्ताह तक हॉस्टल और आसपास के क्षेत्रों में संदिग्ध छात्रों पर नजर रखी। एक संदिग्ध लड़के को कई बार अलग-अलग हॉस्टल रूम में जाते हुए देखा गया। तलाशी के दौरान उसके पास ड्रग्स मिलीं। पूछताछ में उसने बताया कि ड्रग्स जनरल स्टोर से सप्लाई होती हैं।
नारकोटिक्स की टीम ने जनरल स्टोर पर छापा मारा। शुरुआत में टीम ने दुकानदार से बिस्किट खरीदे और फिर इंजेक्शन के बारे में पूछा। घबराकर दुकानदार ने भागने की कोशिश की, लेकिन टीम ने उसे पकड़ लिया। दुकान के पिछले हिस्से से एक किलो ब्यूप्रेनारफीन, आधा किलो ट्रामाडोल, 0.067 ग्राम क्लोनाजेपाम, बड़ी संख्या में सीरिंज और प्रतिबंधित इंजेक्शन बरामद किए गए।
छात्र-छात्राएं बने ग्राहक
दुकानदार के अनुसार, उसके ग्राहक न केवल लड़के थे बल्कि लड़कियां भी थीं। ये छात्र-छात्राएं पढ़ाई के दबाव को सहने और एकाग्रता बढ़ाने के लिए इन ड्रग्स का उपयोग करते थे।नारकोटिक्स विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ये प्रतिबंधित दवाएं दर्द निवारक और दिमाग को शांत करने के लिए उपयोग की जाती हैं। इनका अधिक सेवन लीवर और मस्तिष्क को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।