वाराणसी
बीएचयू में रोज आ रहे 15 नए मरीज, पेट संक्रमण का खतरा बढ़ा
वाराणसी। बढ़ती गर्मी में खानपान में लापरवाही, फास्ट फूड के अधिक सेवन से पेट का संक्रमण बढ़ रहा है। हीट स्ट्रोक की वजह से भी लोग फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो रहे हैं। दिन-ब-दिन मरीजों की बढ़ती संख्या के वजह से डॉक्टर्स भी हैरत में है।
बीएचयू अस्पताल के गैस्ट्रोलॉजी विभाग की ओपीडी के साथ ही इमरजेंसी में हर दिन इस तरह की समस्या वाले करीब 15 मरीज आ रहे हैं। इसमें किशोर-युवा से लेकर 50 साल से अधिक उम्र वाले भी इसमें शामिल हैं। डॉक्टरों के अनुसार समय रहते उपचार न होने पर पाचन तंत्र पर भी असर पड़ रहा है। गर्मी के मौसम में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
बीएचयू में गैस्ट्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. देवेश प्रकाश यादव ने बताया कि, गर्मी में खाना बहुत जल्दी खराब हो जाता है। इस मौसम में बासी खाना, देर के कटे फल, फास्टफूड खाने वाले लोगों को पेट संबंधी परेशानी होती है। चिकित्सकीय भाषा में इसको एक्यूट गैस्ट्रोएंट्राइटिस कहा जाता है। लोगों में एक्यूट गैस्ट्रोएंट्राइटिस के साथ ही हेपेटाइटिस ए और इ का भी खतरा बढ़ जाता है। एक्यूट गैस्ट्रोएंट्राइटिस में उल्टी, दस्त के साथ पेट दर्द होता है जबकि हेपेटाइटिस ए और इ में पीलिया होता है।
डॉ. यादव का कहना है कि समय रहते जागरूक न रहने पर आगे चलकर आईबीडी यानी इंफ्लेमेटरी बावेल डिजीज होने का खतरा बढ़ जाता है। अगर पहले से किसी को आईबीडी है तो वह और भी खतरनाक होता है। लंबे समय तक दस्त होना, शौच में खून आना, वजन का गिरना और पेट में दर्द आईबीडी के लक्षण है।
बीएचयू में हर बृहस्पतिवार को आईबीडी क्लीनिक भी चलाई जाती है, जिसमें मरीजों को परामर्श देने के अलावा जागरूक भी किया जाता है। पेट संबंधी विचारों और संक्रमण से बचाव के लिए डॉक्टर ने विशेष सावधानी बरतने के साथ-साथ प्रमुख बातों पर भी गौर किया है जिनमें –
(1) शुद्ध और ताजा भोजन का ही सेवन करें। सुबह का बना खाना शाम को कदापि ना खाएं और रात का बचा हुआ खाना सुबह बिल्कुल ना खाएं।
(2) ज्यादा देर से कटे रखे फल, सलाद खाने से बचें।
(3) शरीर में पानी की कमी न होने दें। पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहे।
(4) पेट संबंधी समस्या पर बिना चिकित्सकीय सलाह के कोई दवा न लें।