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फर्जी सरकारी नौकरी रैकेट का भंडाफोड़, मास्टरमाइंड सहित दो गिरफ्तार

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने एक बड़े फर्जी सरकारी नौकरी रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए मास्टरमाइंड राशिद चौधरी सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह “नेशनल रूरल डेवलपमेंट एंड रिक्रिएशन मिशन (NRDRM)” के नाम पर खुद को भारत सरकार का अंग बताकर बेरोजगार युवाओं से ठगी कर रहा था।
फर्जी वेबसाइट्स से चल रही थी ठगी
22 मार्च को ग्रामीण विकास मंत्रालय ने शिकायत दर्ज कराई कि दो फर्जी वेबसाइट्स पर सरकारी नौकरी के नाम पर झूठे विज्ञापन चल रहे हैं। इन साइट्स पर मंत्री और अधिकारियों की तस्वीरों के माध्यम से भरोसा जीतने की कोशिश की जाती थी। नौकरी के नाम पर उम्मीदवारों से 299 और 399 रुपये की पंजीकरण फीस ली जाती थी।
टेक्निकल सर्विलांस से हुआ सुराग
शिकायत के बाद 23 मार्च को FIR दर्ज कर दिल्ली पुलिस की साइबर यूनिट ने जांच शुरू की। जांच में पाया गया कि वेबसाइट पर दिए गए QR कोड से प्राप्त रकम असम के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में जमा होती थी और फिर विभिन्न खातों में स्थानांतरित कर ATM से निकाली जाती थी। पुलिस ने सैकड़ों ATM की CCTV फुटेज खंगालने के बाद संदिग्ध को लक्ष्मी नगर में ट्रेस किया।
दो गिरफ्तार, मास्टरमाइंड भी पुलिस की गिरफ्त में
18 मई को पुलिस ने शकरपुर स्थित एक किराए के फ्लैट पर छापा मारकर इकबाल हुसैन (27) को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने कबूला कि वह राशिद चौधरी को नकदी सौंपता था। इसी जानकारी के आधार पर पुलिस ने लक्ष्मी नगर में छापा मारकर मास्टरमाइंड राशिद चौधरी को धर दबोचा। राशिद इससे पहले भी साइबर क्राइम मामलों में लिप्त रहा है। उसने अपनी टीम में वेब डेवलपर्स, विज्ञापन मैनेजर, बैंक खाता धारक और सिम कार्ड उपलब्ध कराने वालों को शामिल किया था।
छापे में भारी मात्रा में सामान जब्त
पुलिस ने छापेमारी के दौरान 11 मोबाइल फोन, 15 सिम कार्ड, 15 डेबिट कार्ड, 21 चेकबुक, 5 वाई-फाई डोंगल, 1 POS मशीन, 4 फर्जी स्टांप और 6 अन्य फर्जी वेबसाइट्स जब्त कीं। अब इस सामग्री को इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) को भेजा जा रहा है ताकि देशभर में सक्रिय ऐसे अन्य गिरोहों से मिलान किया जा सके।