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वाराणसी

पूर्वोत्तर रेलवे ने कर्मचारियों को दिया “कर्मयोगी मॉड्यूल” का प्रशिक्षण

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बुजुर्ग यात्री की कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन जीवन रक्षक आपातकालीन प्रक्रिया अपनाकर बचाई जान

वाराणसी। रेलवे प्रशासन यात्रियों को बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए अपने कर्मचारियों को लगातार प्रशिक्षण दे रहा है। इसी कड़ी में पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा कर्मयोगी मॉड्यूल के माध्यम से कर्मचारियों को प्राथमिक चिकित्सा और जीवन रक्षक प्रक्रियाओं का प्रशिक्षण दिया गया है। इसका असर हाल ही में अमृतसर-कटिहार आम्रपाली एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या 15708) में देखने को मिला, जब एक बुजुर्ग यात्री को दिल का दौरा पड़ने पर रेलवे कर्मियों ने तत्परता से उनकी जान बचाई।

घटना तब हुई जब ट्रेन के जनरल कोच में यात्रा कर रहे एक बुजुर्ग यात्री कार्डियक अरेस्ट के कारण अचेत हो गए। कोच में अफरातफरी मच गई, लेकिन सूचना मिलते ही ट्रेन में टिकट निरीक्षण कर रहे छपरा के उप मुख्य टिकट निरीक्षक राजीव कुमार और मनमोहन कुमार ने तत्काल कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) प्रक्रिया शुरू की। दोनों कर्मियों ने बिना समय गंवाए प्राथमिक चिकित्सा देकर यात्री को होश में लाया। इसके बाद छपरा स्वास्थ्य यूनिट के डॉक्टर को भी तुरंत बुलाया गया।

लगातार CPR और कृत्रिम श्वसन देने के प्रयासों से बुजुर्ग यात्री ने धीरे-धीरे होश संभाला और बेहतर महसूस करने लगे। ट्रेन के छपरा स्टेशन पहुंचने पर स्वास्थ्य यूनिट के डॉक्टर ने यात्री का इलाज किया और उन्हें आवश्यक दवाएं देकर हाजीपुर के लिए रवाना कर दिया।

रेलवे प्रशासन ने दोनों उप मुख्य टिकट निरीक्षकों की तत्परता और दक्षता की सराहना की। ट्रेन के अन्य यात्रियों और स्वयं पीड़ित यात्री ने भी रेलवे कर्मचारियों का हृदय से आभार व्यक्त किया।

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रेलवे अधिकारियों के अनुसार, कर्मयोगी प्रशिक्षण में प्राथमिक चिकित्सा और जीवन रक्षक प्रक्रियाओं का ज्ञान दिए जाने का उद्देश्य ऐसी ही आपात स्थितियों में यात्रियों की जान बचाना है। यह घटना रेलवे कर्मचारियों के सतर्कता और प्रशिक्षित होने का एक बेहतरीन उदाहरण है।

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