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वाराणसी

परिवार नियोजन में निजी क्षेत्र की अहम भूमिका : डॉ. अमित सिंह

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34 निजी अस्पतालों के साथ स्वास्थ्य विभाग की बैठक, सेवाओं को सुदृढ़ बनाने पर जोर

वाराणसी। परिवार नियोजन कार्यक्रमों को मजबूत करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को 34 निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। यह बैठक स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में और स्वयंसेवी संस्था द चैलेंज इनिशिएटिव – पॉपुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल इंडिया (PSI इंडिया) के सहयोग से आयोजित की गई।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी और राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के नोडल अधिकारी डॉ. अमित सिंह ने कहा कि परिवार नियोजन में निजी क्षेत्र की अहम भूमिका है। उन्होंने निजी अस्पतालों से अपील की कि वे ‘बॉस्केट ऑफ चॉइस’ के तहत उपलब्ध साधनों की जानकारी योग्य दंपतियों तक पहुंचाएं और उनकी रिपोर्टिंग एचएमआईएस पोर्टल पर अवश्य करें।

रिपोर्टिंग अनिवार्य, डेटा से बनेगी नीति

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डॉ. अमित सिंह ने कहा, “निजी और सरकारी क्षेत्रों के आंकड़ों की सही रिपोर्टिंग से नीति निर्धारण आसान होगा और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा। सभी निजी अस्पताल सुनिश्चित करें कि हर महीने की 25 तारीख तक परिवार नियोजन सेवाओं की रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड हो।” उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन के साधनों जैसे आईयूसीडी, कंडोम, छाया, अंतरा और माला-एन का उपयोग बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र को समुदाय से सीधे जुड़ने की जरूरत है।

प्रसव पश्चात सेवाओं पर जोर

पीएसआई इंडिया की शुभ्रा त्रिवेदी ने प्रसव पश्चात परिवार नियोजन, क्षमता वृद्धि और डेटा आधारित निर्णय लेने जैसे तीन उच्च प्रभावी हस्तक्षेपों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि प्रसव के तुरंत बाद दी जाने वाली सेवाओं से परिवार नियोजन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

निजी अस्पतालों के लिए निर्देश

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परिवार नियोजन कार्यक्रम के जनपदीय नोडल अधिकारी डॉ. सिंह ने निजी अस्पतालों से कहा कि वे परिवार नियोजन की आईईसी सामग्री (पोस्टर-बैनर) का प्रदर्शन करें और काउंसलिंग के दौरान उनका उपयोग सुनिश्चित करें। इसके अलावा, सभी अस्पताल अपने रिकॉर्ड को अद्यतन रखें और फैमिली प्लानिंग रजिस्टर में सेवाओं का विवरण दर्ज करें।

बैठक में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। वहीं, वाराणसी प्रसूति एवं स्त्री रोग सोसायटी ने परिवार नियोजन के तीन उच्च हस्तक्षेपों को अपनाने और रिपोर्टिंग की गुणवत्ता में सुधार की अपील की।

बैठक में जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी ने सीआरएस पोर्टल के उपयोग और जन्म-मृत्यु की रिपोर्टिंग के महत्व पर चर्चा की। इसमें 34 निजी अस्पतालों के स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ और स्वास्थ्य विभाग की जिला स्तरीय टीम शामिल हुई। स्वास्थ्य विभाग ने आशा व्यक्त की कि इस पहल से परिवार नियोजन सेवाओं को सुदृढ़ बनाने में मदद मिलेगी और जिले का प्रदर्शन सूचकांक बेहतर होगा।

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