वाराणसी
दैनिक मजदूरी बढ़ाने को लेकर मजदूरों ने भरी हुंकार

मिर्जामुराद (वाराणसी)। अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर गुरुवार को प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम नागेपुर में सैकड़ों बुनकर और दिहाड़ी मजदूरों ने सरकार से रोजगार और मजदूरी बढ़ाने की मांग को लेकर तख्ती, बैनर के साथ रैली निकाली। इस दौरान लोगों ने रोटी कपड़ा और मकान, माँग रहा मजदूर किसान,भीख नहीं अधिकार चाहिये, जीने का सम्मान चाहिए, बुनकरों के कर्जे माफ करो आदि नारे लगाकर मजदूरों के अधिकार के प्रति जागरुक किया।
लोक समिति आश्रम में आयोजित सभा में लोगों ने कहा कि सभी को बिना भेदभाव के जीने का अधिकार होना चाहिए। आज भी कुल मजदूरों के 93% प्रतिशत मजदूर असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं। जिनकी कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं है। वे भयंकर रूप से गरीबी से लड़ रहे हैं। जिनके अधिकारों की रक्षा करना जरुरी है। इस दौरान दो मिनट का मौन रखकर नम आंखों से पहलगाव में हुए आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष लोगों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित किया।
सभा में लोक समिति संयोजक नन्दलाल मास्टर ने कहा कि मंहगाई और बेरोजगारी की समस्या से मजदूरों की कमर टूट गयी है। गांवों में लाखों मजदूर बे-रोजगार घर पर बैठे हैं। महंगाई से निर्माण के 80 फीसद कार्य बंद चल रहे हैं। इससे मजदूरों को दैनिक मजदूरी भी नहीं मिल रही है। दैनिक उपभोग की वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं। मजदूरी न मिलने से गरीब व मजदूर परिवारों को एक वक्त का खाना भी नसीब नहीं हो पा रहा है। बनारसी साड़ी का धंधा मंदा पड़ा है। जिससे लाखों बुनकर भुखमरी के कगार पर है।
मुख्य अतिथि गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता जागृति राही ने कहा कि रोजाना हजारों मजदूर गांव से किराया-भाड़ा लगाकर शहर के विभिन्न मजदूर मण्डियों में जाते हैं। दिनभर खड़े रहने के बाद शाम को बिना काम के ही वापस घर लौट आते हैं। उन्हें गांव में स्थाई रोजगार दिलाया जाये।
मुख्य वक्ता दलित व मानवाधिकार कार्यकर्ता अनूप श्रमिक ने सरकार से मांग किया कि सभी बुनकर और दिहाड़ी मजदूरों के राशन कार्ड बनाए जाय, ताकि वह बच्चों का पेट भर सकें। न्यूनतम दैनिक मजदूरी 600 रुपए तय हो और 55 वर्ष से ऊपर के मजदूर को 3000 रुपये प्रतिमाह वृद्धावस्था पेंशन और महिला मजदूरों को मातृत्व अवकाश सुनिश्चित किया जाय। मजदूरों को निःशुल्क स्वास्थ्य बीमा और सभी देहाड़ी मजदूरों का श्रम विभाग में अनिवार्य रूप से पंजीकरण सुनिश्चित किया जाय। बुनकरों के बिजली बिल और कर्जे माफ किया जाए।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से शिवकुमार, आत्माराम, सुलभ , रजत, अनिल, अमरजीत, रमेश पटेल, रामबली, जटाशंकर, शिवशंकर, कुलदीप, कमलेश, विशाल, लालमन, सोनी, संतोष, आशा, आदि रहे। रैली का नेतृत्व लोक समिति संयोजक नन्दलाल मास्टर, अध्यक्षता दिहाड़ी मजदूर संगठन के अध्यक्ष लालमन, स्वागत बुनकर साझा मंच के अध्यक्ष जटाशंकर गुप्ता और संचालन दिहाड़ी मजदूर के संयोजक रामबचन ने किया ।