चन्दौली
दूध व्यवसायी ने विभागीय जांच प्रणाली पर उठाया सवाल

चंदौली। जनपद के मुगलसराय के अलीनगर थाना क्षेत्र स्थित नेचर फ्रेश इंडस्ट्रीज के डायरेक्टर अरुण कुमार राय ने हाल ही में एक साक्षात्कार में दूध की गुणवत्ता और विभागीय जांच प्रणाली पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उनकी डेरी के एजेंट विभिन्न गांवों और शहरों से किसानों से ताजे दूध को इकट्ठा करके उनके सेंटर तक लाते हैं, जहां पर एक विशेष लैब में दूध की गुणवत्ता की जांच की जाती है।
अरुण कुमार राय ने बताया कि वह अपने सेंटर पर दूध की जांच करते हैं, और अगर जरूरत पड़ती है, तो उसे ठंडा किया जाता है या पास्ट्राइज किया जाता है। इसके बाद वह यह दूध बड़ी कंपनियों को सप्लाई करते हैं, जहां उस दूध से पाउडर और देसी घी बनाया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी में भेजे जाने के बाद भी उनके दूध का टेस्ट लिया जाता है, जिसमें फैट और एसएनएस (Solid-Not-Solids) की जांच की जाती है।
राय ने यह भी कहा कि संबंधित विभाग के अधिकारी समय-समय पर उनकी कंपनी में जांच करते रहते हैं। उनका यह कहना था कि दूध का सैंपल फेल होने पर विभाग को यह समझना चाहिए कि आजकल पशुओं को पहले जैसा खानपान नहीं मिल पाता, जिसके कारण फैट और एसएनएस में गिरावट आती है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि विभाग को इस मामले में किसानों और डेरी संचालकों को बुलाकर मार्गदर्शन करना चाहिए ताकि इस समस्या का समाधान निकाला जा सके।
अरुण कुमार राय ने विभागीय अधिकारियों से यह भी अपील की कि अगर उनका सैंपल फेल हो रहा है, तो इसे लेकर कुछ संशोधन किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि दूध के सैंपल का फेल होना डेरी व्यवसायियों के लिए बड़ी समस्या बन गया है, और इससे संबंधित सभी पक्षों को मिलकर ऐसा कोई कानून बनाना चाहिए, जिससे दूध का सैंपल कभी भी फेल न हो और सभी को परेशानियों से बचाया जा सके।
यह मामला ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों और डेरी व्यवसायियों के लिए गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है, जहां उनके दूध की गुणवत्ता को लेकर लगातार संदेह उत्पन्न हो रहा है।