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वाराणसी

त्यौहारों पर स्वास्थ्य विभाग भी हुआ अलर्ट

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24 घंटे खुले रहेंगे चिकित्सालय व स्वास्थ्य केंद्र

एंबुलेंसकर्मियों को सक्रिय रहने और समय से कॉल रिसीव करने का दिया निर्देश

आतिशबाज़ी से बढ़ेगा वायु प्रदूषण, स्वास्थ्य का रखें विशेष ख्याल

वाराणसी| त्यौहारों के मद्देनज़र स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह से सतर्क हो गयी है। दिवाली और छट पूजा देखते हुये विभाग ने समस्त चिकित्सकों को स्वास्थ्य केन्द्रों पर 24 घंटे तैनात रहने के लिए निर्देशित किया है।
सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि त्योहारों के मद्देनजर सभी सरकारी चिकित्सालय और ब्लॉक स्तरीय सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र 24 घंटे खुले रहेंगे। चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों के अवकाश पूर्ण रूप से निरस्त कर दिए गए हैं। रात्रि कालीन और आपातकालीन सेवा के लिए चिकित्सकों, स्टाफ नर्स और स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी लगा दी गयी है। पटाखों और आतिशबाज़ी वाली घटनाओं से जख्मी होने वाले मरीजों के लिए निःशुल्क इलाज की व्यवस्था की गई है। साथ ही एंबुलेंस कर्मियों को समय से कॉल रिसीव कर सेवा प्रदान करने के लिए निर्देशित किया गया है।
उन्होने बताया कि जनपद के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के लिए कुल 66 एंबुलेंस तैनात हैं। इसके 108 एंबुलेंस 28 और 102 एंबुलेंस 38 शामिल हैं। इसके अलावा 3 एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एंबुलेंस सेवा संचालित हैं। सीएमओ ने जनपदवासियों से अपील की है कि बहुत अधिक आतिशबाजी और पटाखों का उपयोग करने से बचे, इससे वातावरण के साथ शारीरिक स्वास्थ्य पर हानिकारक असर पड़ेगा। कोशिश करें घर के बने पकवान और मिठाइयों का सेवन करें।
एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजीशियन व परामर्शदाता डॉ आरएन सिंह ने बताया कि आतिशबाज़ी से उत्पन्न होने वाले धुएँ से वायु प्रदूषित होती है। प्रदूषित कण हवा में मौजूद रहते हैं और हम इसे सांस के जरिए संक्रमित होने के लिए बाध्य रहते हैं। ऐसे में मास्क लगाने की आवश्यकता है। खुले में न सोयें, बच्चे, सांस के मरीज तथा बृद्धजन पूरी बांह के कपड़े पहने, गले को ढ़के। इसके साथ ही सर्दी, जुकाम, बुखार तथा साफ-सफाई से संबन्धित बीमारियां जैसे डेंगू, मलेरिया से हमें सचेत होकर रहना पड़ेगा ।
लंग कैंसर – वायु प्रदूषण लंग्स के लिए बेहद ही खतरनाक है। जोकि लोगों में बढ़ता ही जा रहा है। दूषित हवा में ज्यादा समय गुजारने से सीधे तौर पर फेफड़े प्रभावित होते हैं।
हृदय संबंधी समस्याएं – वायु प्रदूषण फेफ़ड़े के अलावा दिल के रोग भी देता है। प्रदूषित हवा दिल का दौरा पड़ने का भी बड़ा कारण हो सकती है। दूषित हवा के कारण सीने में दर्द, सांस लेने में समस्या, गले में दर्द जैसी दिक्कतें शामिल हैं।
गर्भवती व नवजात के लिए खतरनाक – प्रदूषण न केवल स्वस्थ लोगों के लिए बल्कि नवजात और गर्भवती के लिए भी खतरनाक है। गर्भवती के लिए प्रसव तक का समय बेहद ही महत्वपूर्ण होता है। दूषित हवा में ज्यादा समय बिताने से उसके होने वाले बच्चे में निमोनिया होने और बीमारियों का सामना करने की क्षमता कम हो जाती है।
प्रभावित होगा गुर्दा – प्रदूषण हर लिहाज से खतरनाक है। प्रदूषण गुर्दे संबंधी रोग का कारण भी बन रहा है। प्रदूषण के कारण नेफ्रोपैथी नामक बीमारी भी पैदा कर रहा है। यह किडनी संबंधी बीमारी है। जो खुद कई बीमारियों को जन्म देती है।

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