गाजीपुर
“डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से देश को अपूरणीय क्षति” : सुनील राम

गाजीपुर। देश के महान अर्थशास्त्री और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से देश को अपूरणीय क्षति हुई है। गाजीपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शोकसभा में दो मिनट का मौन रखकर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।डॉ. मनमोहन सिंह, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री का दुखद निधन 26 दिसंबर की रात 9 बजे एम्स, दिल्ली में हुआ था । इसके बाद 28 दिसंबर को उनकी अंत्येष्टि पूरे राजकीय सम्मान के साथ संपन्न हुई और वे पंचतत्व में विलीन हो गए। इस शोकपूर्ण अवसर पर गाजीपुर जिला कांग्रेस कैंप कार्यालय, राजदेपुर में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।
निवर्तमान जिलाध्यक्ष सुनील राम ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह जी का निधन बेहद पीड़ादायक है। वे न केवल एक महान अर्थशास्त्री थे, बल्कि एक सरल स्वभाव के राजनेता भी थे। उनके निधन से पार्टी और देश को एक बड़ी क्षति हुई है।
शहर अध्यक्ष संदीप विश्वकर्मा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के असमय निधन के साथ कांग्रेस पार्टी ने एक महान योद्धा को खो दिया है। उनकी दूरदर्शिता और योगदान ने देश की राजनीति और अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
डॉ. मारकंडे सिंह और एआईसीसी सदस्य रविकांत राय ने भी डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह जी ने न केवल आर्थिक सुधार और परमाणु समझौते जैसे महत्वपूर्ण फैसले लिए, बल्कि मनरेगा जैसी योजनाएं भी शुरू कीं, जो उनकी दूरदर्शिता का ही परिणाम थीं। उनका योगदान राष्ट्र के समृद्धि के लिए अद्वितीय है।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक प्रकट करते हुए उन्हें सादगी और सम्मान का प्रतीक बताया। सभी ने उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और उनके परिवार को इस कठिन समय में संबल प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की।
इस शोक सभा में प्रमुख रूप से जनक कुशवाहा, बटुक नारायण मिश्र, अजय सिंह, पीसीसी सदस्य अजय कुमार श्रीवास्तव, चंद्रिका सिंह, राजीव सिंह, सतीश उपाध्याय, सुमन चौबे, आशुतोष गुप्ता, कुसुम तिवारी, उषा चतुर्वेदी, सदानंद गुप्ता, शबिहुल हसन, आदिल अख्तर, सुधांशु त्रिवेदी, धर्मेंद्र कुमार, रईस अहमद, विनोद सिंह, आशुतोष सिन्हा, जेपी पांडे, राजेश उपाध्याय, राघवेंद्र चौबे, राफे भाई, अयूब खान, देवानंद इस्लाम, मास्टर अब्दुल्ला आदि उपस्थित रहे।