Connect with us

अपराध

डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 98 लाख की ठगी, दो साइबर ठग गिरफ्तार

Published

on

फर्जी पहचान और वर्चुअल तकनीक का इस्तेमाल

वाराणसी। साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी के बड़े गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लोगों को ठगकर लाखों रुपये हड़प चुका था।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान जौनपुर जिले के नेवढ़िया थाना क्षेत्र के पूरे लला गांव निवासी दिनेश कुमार और बक्सा थाना क्षेत्र के गढ़ा सैनी गांव निवासी राजेश चौधरी के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपियों के पास से चार मोबाइल फोन, एक डेबिट कार्ड, दो क्यूआर कोड, दो चेकबुक, 12 कैंसिल चेक और 11,500 रुपये नकद बरामद किए हैं।

फर्जी पहचान और वर्चुअल तकनीक का इस्तेमाल
पुलिस जांच में सामने आया कि यह गिरोह फर्जी बैंक खाते और सिम कार्ड का इस्तेमाल कर अपनी पहचान छिपाने में माहिर था। साथ ही, डिजिटल फुटप्रिंट से बचने के लिए वर्चुअल मशीन का इस्तेमाल करता था। आरोपियों ने बताया कि वे ट्राई और सीबीआई के फर्जी अधिकारी बनकर वर्चुअल नंबर के जरिए लोगों को कॉल करते थे और डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठगी करते थे।

शिकायत से हुआ खुलासा
सारनाथ स्थित माधव नगर कॉलोनी निवासी अनुज कुमार यादव ने 4 दिसंबर को साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में 98 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया। इसके बाद डीसीपी क्राइम/गोमती जोन प्रमोद कुमार के निर्देश पर साइबर क्राइम थाना प्रभारी विजय नारायण मिश्र के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई।

Advertisement

इंस्पेक्टर विपिन कुमार, विजय कुमार, दीनानाथ यादव और हेड कांस्टेबल श्याम की टीम ने तकनीकी विश्लेषण और जांच के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरोह के अन्य सदस्यों और ठगी के नेटवर्क की जांच जारी है।

डीसीपी प्रमोद कुमार ने बताया कि ठगी के इस मामले में बरामद सबूतों की पड़ताल की जा रही है। साथ ही ठगी गई रकम को वापस दिलाने और अन्य पीड़ितों की शिकायतें दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है। पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे किसी अनजान कॉल या फर्जी अधिकारियों से सतर्क रहें और बैंक खाते की जानकारी साझा न करें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर दें।

Copyright © 2024 Jaidesh News. Created By Hoodaa