वाराणसी
टीबी मुक्त भारत अभियान के लिए धर्मगुरु भी आए आगे

वर्ष 2025 तक क्षयरोग मुक्त बनाने के लिए जनमानस से की अपील
• “क्षयरोग से डरें लेकिन रोगियों से नहीं” – आचार्य टेक नारायण उपाध्याय
• “मुहिम में शामिल होकर सेवाओं का लाभ उठाएँ” – मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी
• “टीबी की दवा का कोर्स पूरा करें” – फादर मजू मैथ्यू
• “टीबी के प्रति भेदभाव को दूर करना जरूरी” – ग्रंथी धरमवीर सिंह
वाराणसी: देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में जनपद से विभिन्न समुदाय के धर्मगुरुओं ने जनमानस से अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान में सहयोग करने का संदेश भी दिया है।
क्षयरोग से डरें लेकिन रोगियों से नहीं – श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के वरिष्ठ अर्चक आचार्य टेक नारायण उपाध्याय का कहना है “शरीर कई रोगों का घर है लेकिन इसकी सम्पूर्ण जांच व उपचार किया जाए तो इसका निदान हो सकता है। टीबी भी एक गंभीर रोग है जिसकी यथाशीघ्र जांच और उपचार न कराया गया तो यह उसके साथ किसी और को भी हो सकता है। इसलिए लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी चिकित्सा इकाइयों में जाकर जांच व उपचार कराएं। सम्पूर्ण उपचार से यह मूलतः ठीक हो सकता है। उन्होंने जनमानस से अपील की है कि क्षयरोग से सतर्क रहें लेकिन इसके रोगियों से न डरें। उनकी मदद करें और टीबी मुक्त भारत बनाने के लिए सरकार का सहयोग करें।




मुहिम में शामिल होकर सेवाओं का लाभ उठाएँ – मुफ़्ती–ए-बनारस व इमाम शाही जामा मस्जिद ज्ञानवापी के मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी का कहना है “सेहत सभी के लिए जरूरी है। किसी भी प्रकार की बीमारी इंसान को कमजोर बना देती है। ऐसी ही टीबी एक गंभीर बीमारी है जिसके हो जाने पर इंसान की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। लेकिन यदि लक्षण दिखने पर और जांच में टीबी की पुष्टि होने पर इसका नियमित और सम्पूर्ण उपचार कराया जाए तो यह पूरी तरह से ठीक हो सकती है। सरकार की ओर से टीबी मरीजों को उपचार के दौरान हर माह 500 रुपये भी दिये जाते हैं। उन्होंने जनमानस से अपील की है कि सरकार की इस मुहिम में शामिल होकर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाएँ।
टीबी की दवा का कोर्स पूरा करें – फादर मजू मैथ्यू का कहना है “टीबी, एक गंभीर बीमारी है जो छिपाने से ही बढ़ती है। यदि किसी भी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय से खांसी आ रही है, खांसी में बलगम के साथ खून आ रहा है, रात में पसीना और बुखार आ रहा है तो इस स्थिति में व्यक्ति को जल्द से जल्द नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच करानी चाहिए। इसके बाद डॉक्टर के परामर्श पर दवा का कोर्स पूरा करना चाहिए। सभी सरकारी अस्पतालों में जांच, निदान, उपचार व परामर्श सेवा मुफ्त उपलब्ध है। टीबी, लाइलाज नहीं है। इसका पूरा इलाज समय से किया जाए तो पूरी तरह से ठीक हो सकता है। बशर्ते एक भी दिन दवा खाना नहीं छूटना चाहिए”।
टीबी के प्रति भेदभाव को दूर करना जरूरी – नीचीबाग़ स्थित गुरुद्वारा के ग्रंथी धरमवीर सिंह का कहना है “समाज में टीबी मरीजों के प्रति भेदभाव, मिथक व भ्रांतियों को दूर करना भी जरूरी है। भेदभाव के डर से टीबी मरीज अपनी जांच व उपचार के लिए आगे नहीं आते जिससे वह संक्रमित मरीज एक साल में अपने आस-पास या घर परिवार के 10 से 15 लोगों को टीबी का नया मरीज बना सकता है। इसलिए सबसे ज़्यादा जरूरी है कि टीबी के लक्षण दिखने पर इसकी तुरंत जांच कराएं और इसका सम्पूर्ण उपचार कराएं। उपचार के दौरान एक भी दिन दवा का नागा नहीं करना चाहिए। उन्होंने जनमानस से अपील की है कि वह देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने में सरकार का सहयोग करें”।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी का कहना है कि साल 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए नियमित गतिविधियां, अभियान, कार्यक्रम, समीक्षा, मॉनिटरिंग, रणनीति सहित विभिन्न स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ पीयूष राय का कहना है कि सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं, धर्मगुरुओं, प्रभावशाली व्यक्तियों आदि के साथ मिलकर विभिन्न आयामों पर सहयोग भी लिया जा रहा है।