वाराणसी
जनपद के तीन राजकीय चिकित्सालयों को मिला कायाकल्प अवार्ड
पं. दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल, जिला महिला एवं एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय हुए पुरस्कृत
कायाकल्प के सभी मानकों में 70 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त किए
वाराणसी| जनपद की चिकित्सीय एवं स्वास्थ्य सुविधाओं में लगातार सुधार हो रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने का ही नतीजा है कि एक बार फिर से जनपद के तीन राजकीय चिकित्सालयों को वर्ष 2021-22 के कायाकल्प अवार्ड के लिए चयनित किया गया है।
शासन की ओर से जारी सूची में वाराणसी के तीन राजकीय चिकित्सालयों एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय कबीरचौरा, पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय पाण्डेयपुर एवं जिला महिला चिकित्सालय कबीरचौरा सहित प्रदेश के 95 जिला स्तरीय चिकित्सालयों को वर्ष 2021-22 का कायाकल्प अवार्ड हासिल हुआ है। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देशन में तीनों चिकित्सालयों ने कायाकल्प अवार्ड के सभी मानकों में 70 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त कर पुरस्कार हासिल किया है। इसके लिए जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग सहित चिकित्सालयों के समस्त स्टाफ की सराहना की है ।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण वाराणसी मण्डल के अपर निदेशक डॉ शशिकांत उपाध्याय, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ प्रसन्न कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी, डीडीयू चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ आरके सिंह एवं जिला महिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एसके श्रीवास्तव ने समस्त स्टाफ के कार्यों की सराहना की और बधाई भी दी है ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय को 80.93 प्रतिशत अंक, जिला महिला चिकित्सालय को 74.17 प्रतिशत अंक एवं एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय को 73.57 प्रतिशत अंक प्राप्त हुये हैं। शासन की ओर से कायाकल्प अवार्ड के साथ चिकित्सालयों को तीन-तीन लाख रुपये की धनराशि भी आवंटित की जाएगी, जिससे चिकित्सालय में चिकित्सीय व स्वास्थ्य सुविधाओं को और सुदृढ़ किया जा सके।
सीएमओ ने बताया कि जिला महिला चिकित्सालय को पहली बार कायाकल्प पुरस्कार प्राप्त हुआ है। इसके साथ ही एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय को चौथी बार और पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय को छठवीं बार कायाकल्प अवार्ड हासिल हुआ है। उन्होने कहा कि चिकित्सालयों को कायाकल्प अवार्ड हासिल होने में एसीएमओ डॉ एके मौर्य, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक संतोष सिंह एवं क्वालिटी एश्योरेंश के मंडलीय सलाहकार डॉ आरपी सोलंकी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होने कहा कि चिकित्सालयों, पीएचसी, सीएचसी में गुणवत्तापूर्वक सुधार के लिए डॉ सोलंकी हमेशा तत्पर रहते हैं। डॉ सोलंकी का योगदान बेहद सराहनीय है।
मंडलीय सलाहकार डॉ आरपी सोलंकी बताते हैं कि किसी भी स्वास्थ्य इकाई को कायाकल्प योजना में पुरस्कृत होने के लिए तीन चरणों से गुजरना होता है। पहले चरण में चिकित्सालय के कर्मचारी और जिला क्वालिटी टीम चिकित्सालयों का मूल्यांकन करती है जिसमें 70 प्रतिशत या उससे अधिक अंक पाने पर राज्य की ओर से नामित दूसरे जिले की क्वालिटी टीम उसका क्रास वेरीफिकेशन अर्थात पीयर असेस्मेंट करती है। इसमें 70 प्रतिशत या उससे अधिक अंक पाने पर उसका अंतिम मूल्यांकन किया जाता है जिसमें 70 प्रतिशत या उससे अधिक अंक पाने पर प्राप्त अंकों के आधार पर राज्य स्तर पर रैंकिंग तैयार की जाती है। इन सात बिन्दुओं पर प्रतिभाग करने वाली स्वास्थ्य इकाईयों का मूल्यांकन किया जाता है। इसके लिए 600 अंक निर्धारित हैं।
- चिकित्सालय का रखरखाव (100 अंक)
- साफ-सफाई (100 अंक)
- बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट (100 अंक)
- संक्रमण नियंत्रण (100 अंक)
- सहयोगी सेवाएं (50 अंक)
- साफ-सफाई के प्रति जागरूकता (50 अंक)
- समुदाय से सम्पर्क (100 अंक)