वाराणसी
ग्रामीणों और आशाओं को बताया गया ‘डायरिया रोको अभियान’ का महत्व

नवजात शिशुओं को छूने से पहले, स्तनपान कराने से पहले, खाना बनाने और खिलाने से पहले तथा शौच करने और कराने के बाद साबुन और पानी से हाथ धोने के बारे में किया गया जागरूक
रिपोर्ट – अंजली मिश्रा
वाराणसी। इस मानसूनी सीजन में बेमौसम बारिश के चलते होने वाले संक्रमण की वजह से दस्त (डायरिया) होने का खतरा बना रहता है। दस्त की रोकथाम को लेकर जिले में ‘डायरिया रोको अभियान’ एक जुलाई से संचालित किया जा रहा है। गुरुवार को अराजीलाइन ब्लॉक के कपरफोरव और शहंशाहपुर गाँव में जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में ‘जागरण पहल रेकिट इंडिया’ संस्था के द्वारा सहयोग किया गया। संस्था की कार्यकर्ता तबस्सुम और अर्पिता ने पोस्टर, पम्फ़लेट आदि के माध्यम से ग्रामीणों और आशा कार्यकर्ताओं को ‘डायरिया रोको अभियान’ के महत्व के बारे में जानकारी दी। इस दौरान स्कूली बच्चों को ORS बनाने और हाथ धोने की सही विधि ‘सुमन’ के बारे में बताया गया। ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता पोषण दिवस (VHSND) के दौरान आशा-आंगनबाडी़ कार्यकर्ता गर्भवती और धात्री को बताएंगी कि नवजात शिशुओं को छूने से पहले, स्तनपान कराने से पहले, खाना बनाने और खिलाने से पहले तथा शौच करने और कराने के बाद साबुन और पानी से हाथ धोने के बारे में जानकारी दें।
आशा सीमा चौधरी ने बताया कि दस्त होने का मुख्य कारण साफ-सफाई का अभाव है। इससे बचने के लिए पीने के लिए साफ पानी का उपयोग करें। पानी उबालकर ठंडा कर लें। उसके बाद इस्तेमाल में लाएं। खाना बनाने और खाने से पहले, शौच के बाद, बच्चे का मल साफ करने के बाद साबुन और पानी से अच्छे से हाथ धोएं। साफ बर्तन में चम्मच से बच्चे को खाना खिलाएं। बच्चे को बोतल से दूध या डिब्बाबंद दूध न दें। इसके साथ ही छह महीने तक की आयु के बच्चे को केवल स्तनपान कराएं। बच्चों में कुपोषण का मुख्य कारण दस्त है। बार-बार दस्त होने से बच्चा कुपोषित हो सकता है और यदि कुपोषित है तो जरा से असावधानी से वह दस्त की चपेट में आ सकता है।
आशा शैल कुमारी ने बताया कि बच्चे को स्तनपान, ऊपरी आहार और भोजन जारी रखें। सॉफ्ट ड्रिंक, डिब्बा बंद जूस बच्चों को बिल्कुल न दें। यदि बच्चा सुस्त है, बच्चे की आंखें अंदर की ओर धंसी हुई हैं, बच्चा कुछ पी नहीं पा रहा या पीने में कठिनाई हो रही है, पेट की त्वचा चुटकी भरने पर बहुत धीमे वापस जाती है या मल में खून आ रहा है, इनमें से दो या दो से अधिक लक्षण होने पर देर न करें तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। इस मौके पर आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं महिलाएं व बच्चे मौजूद रहे।