वाराणसी
कुलपति ने शताधिक वृक्षों का रोपण कर कार्यक्रम का किया उद्घाटन

पुराणों में वृक्षों को कश्यप जी की संतान कहा गया है – पद्मभूषण प्रो देवी प्रसाद द्विवेदी
वृक्षों में देवताओं का वास होता है – कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा
मूले ब्रह्मा त्वचा विष्णु शाखा शंकरमेवच।
पत्रे पत्रे सर्वदेवायाम् वृक्ष राज्ञो नमोस्तुते।।
भावार्थ-जिस वृक्ष की जड़ में ब्रह्मा जी तने पर श्री हरि विष्णु जी एवं शाखाओं पर देव आदि देव महादेव भगवान शंकर जी का निवास है और उस वृक्ष के पत्ते पत्ते पर सभी देवताओं का वास है ऐसे वृक्षों के राजा पीपल को नमस्कार है।
उक्त विचार सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने परिसर स्थित प्रकाशन संस्थान के समक्ष सप्ताहव्यापी वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम के अंतर्गत बतौर अध्यक्ष व्यक्त किया।
हमारे शास्त्रों में वृक्षों की पूजा या प्रकृति की पूजा का विधान है।—
कुलपति प्रो बिहारी लाल ने कहा कि हमारे शास्त्रों में वृक्षों की पूजा या प्रकृति की पूजा का विधान है। इसकेवैज्ञानिककारणभीहैं।ब्रह्मांड में सभी कुछ परमात्मा का ही अंश है और सभी एक दूसरे से आन्तरिक रूप से जुड़े हुए हैं।पीपल, बरगद के वृक्ष 24 घंटे ऑक्सिजन देते हैं।
अथर्ववेद के उपवेद आयुर्वेद में वृक्षों के औषधीय गुणों का अनेक असाध्य रोगों में उपयोग वर्णित है।इसी कारण इन्हें कल्पवृक्ष की संज्ञा देते हैं।इसे ऋषि-मुनि विशेष मह्त्व देते हैं।इसी तरह तुलसी, नीम, आम, आँवला आदि अमृत वृक्ष हैं।इसी से जलवायु और पर्यावरण का संतुलन बनाए रखकर वर्षा, नदी, पहाड़ और समुद्र का संरक्षण भी करती है।इससे जलचर, नभचर, थलचर के प्राणियों का जीवन संरक्षित है।वन की संपदाएं हिन्दू धर्म के लिए पूज्यनीय है।
कुलपति ने दिये विद्यार्थियों को दिए बीज मंत्र—
वृक्षारोपण के दौरान कुलपति प्रो शर्मा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस संस्था अतीत गौरवशाली रहा है उसकी गरिमा को बनाये रखने की जिम्मेदारी हम सबकी है।विद्यार्थियों की समस्याओं का निदान नियमानुसार किये जायेंगे,कोई किसी भी विद्यार्थियों को पीड़ित न करें तथा किसी से भी भयभीत न हों।परिसर के वातावरण को स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी हम सभी की है।परिसर को तंबाकू मुक्त जोन घोषित किया गया है इस पर क्रियान्वित और अमल कराने की जिम्मेदारी आपकी है।
वृक्षों में औषधीय गुणों का अमूल्य भंडार है–
बतौर मुख्य अतिथि पद्मभूषण प्रो देवी प्रसाद द्विवेदी ने कहा कि वृक्षों की प्रकृति सदैव हमे देने की होती है, इससे छाया,हवा,फल,ऑक्सीज़न, शुद्ध पर्यावरण एवं औषधीय वृक्षों का अमूल्य भंडार है।इसलिए वृक्षों का रोपण कर परिसर को स्वच्छ और हराभरा करने की श्रंखला में आज इस मुहिम की शुरुआत की गई है।वृक्षों को भी जीव मानकर मानव सृष्टि द्वारा उनकी उत्पत्ति का वर्णन पुराणों की प्रथम खोज है। पुराणों में वृक्षों को कश्यप जी की संतान कहा गया है।
शताधिक वृक्षों का रोपण–
आज से सप्ताहव्यापी वृक्षारोपण का उद्घाटन कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ,कुलसचिव राकेश कुमार, प्रकाशन संस्थान के निदेशक डॉ पद्माकर मिश्र, प्रो रामपूजन पाण्डेय, प्रो दिनेश कुमार गर्ग आदि के द्वारा(आम, नीम, जामुन, पीपल, बरगद,आँवला आदि के वृक्षारोपण कर किया गया।
उपस्थित ज़न– कुलपति के साथ कुलसचिव राकेश कुमार,निदेशक डॉ पद्माकर मिश्र, प्रो रामकिशोर त्रिपाठी, प्रो रामपूजन पाण्डेय, प्रो सुधाकर मिश्र, प्रो हरिशंकर पाण्डेय, प्रो रमेश प्रसाद, प्रो महेंद्र पाण्डेय, प्रो अमित कुमार शुक्ल, प्रो शंभू नाथ शुक्ल, प्रो विद्या, डॉ विजय कुमार शर्मा, डॉ ज्ञानेन्द्र, डॉ विजेंद्र कुमार आर्य सहित संस्था के अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थियों ने वृक्षारोपण कर स्लोगन का प्रयोग किया।