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मुम्बई

ओवरस्पीड ले रही मुंबईकर की जान, एक्सिडेंट में मौतों के आंकड़े कर देंगे हैरान

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रिपोर्ट – धर्मेंद्र सिंह धर्मा, ब्यूरो चीफ मुंबई

मुंबई। ‘सावधान हटी, दुर्घटना घटी’ यह कहावत तो हम सभी ने सुनी है। लेकिन इसके बाद भी सड़क दुर्घटना को लेकर राज्य और केंद्र सरकार ने अब तक व्यापक और प्रभावी कदम नहीं उठाया है। ट्रैफिक रूल्स पालन न करने की वजह से भी सड़क दुर्घटनाएं हो रही है। तेज रफ्तार में चलाए जाने वाले वाहनों से जान का खतरा बढ़ने के कारण अब आम जनता खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है।

पिछले रविवार को मुंबई के वर्ली में स्कूटी सवार नखवा दंपती को 23 वर्षीय मिहिर शाह ने कथित तौर पर शराब के नशे में धुत होकर तेज गति से गाड़ी चलाते हुए टक्कर मारी थी। वर्ली कोलीवाड़ा निवासी कावेरी नखवा BMW कार के बंपर और पहिए में फंसकर डेढ़ किलोमीटर दूर तक घसीटती चली गईं। हादसे में कावेरी की मौत हो गई, जबकि उनका पति प्रदीप नखवा घायल हो गए। आरोपी मिहिर शिंदे सेना के नेता राजेश शाह (पार्टी से निष्कासित) का बेटा है। इसलिए मामला काफी उछला और मिहिर उसके पिता राजेश शाह और ड्राइवर बिदावड को वर्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

इस कथित अमानवीय घटना से मुंबई की सड़कों पर तेज गति से चलाए जाने वाले वाहनों के रफ्तार पर सवाल खड़े होने लगे हैं। महाराष्ट्र पुलिस की रिपोर्ट बताती है कि यहां होने वाले सड़क हादसों में मौत होने की घटनाओं में 13% जबकि सड़क दुर्घटनाओं में 34% तक का इजाफा हुआ है। वहीं, NCRB की रिपोर्ट बताती है कि मुंबई में प्रतिदिन 3 लोगों की मौतें सड़क हादसों में होती हैं, जबकि 7 से 8 घटनाएं रोजाना घटती हैं।

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सड़क दुर्घटना रोकने में आबकारी विभाग और ट्रैफिक पुलिस विफल –

नशे में धुत रहने से आए दिन हो रहे हादसे को लेकर सीएम एकनाथ शिंदे ने कड़ा कदम उठाया है। उन्होंने शराब परोसने वाली जगहों की जांच आबकारी विभाग से और वीकेंड पर भी ट्रैफिक की सख्ती से जांच करने के लिए मुंबई ट्रैफिक पुलिस को आदेश दिए हैं। नतीजा यह रहा कि आबकारी विभाग ने शहर के 1,034 बार, पब, डिस्को, परमिट रूम की जांच की है। 39 होटलों में कमियां पाई गईं, जबकि 9 होटलों के लाइसेंस कैंसल कर दिए गए।

वहीं, उपनगर के 1,572 पब, डिस्को, परमिट रूम और बारों की जांच में 89 में कमियां पाईं गईं। ओवरऑल 2,3690 पब, डिस्को, परमिट रूम और बारों की जांच हुईं, जिनमें 796 में कमियां पाईं गईं हैं। इनके खिलाफ आबकारी विभाग की कार्रवाई जारी है। ट्रैफिक पुलिस भी वीकेंड नाइट में पूरी मुस्तैदी के साथ आरोपियों की गिरफ्तारी और ट्रैफिक व्यवस्था को संभालने में जुट गई है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, स्पीड लिमिट 1 फीसदी बढ़ने से खतरनाक हादसों में मौत होने का जोखिम 4 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। भारत में 71 प्रतिशत लोगों की जान ओवर स्पीडिंग यानी तेज गति के कारण चलने वाली गाड़ियों की चपेट में आने से चली जाती है।

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