गाजीपुर
आरसेटी एलुमनी मीट में उद्यमियों ने साझा किए प्रेरक अनुभव

गाजीपुर। ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ आत्मनिर्भर बनाने के मिशन में लगे यूनियन ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) गाजीपुर ने एक और उपलब्धि हासिल की है। आरसेटी से प्रशिक्षण प्राप्त कई ट्रेनी अब सफल उद्यमी बन चुके हैं और अपने क्षेत्र में रोजगार के अवसर सृजित कर रहे हैं।
शुक्रवार को आरसेटी परिसर में सक्सेसफुल एलुमनी मीट का आयोजन किया गया, जिसमें इन सफल उद्यमियों ने अपने अनुभव साझा किए और वर्तमान प्रशिक्षणार्थियों को प्रेरित किया। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन और पुष्प अर्पण के साथ हुआ। संचालन और अध्यक्षता वरिष्ठ संकाय मुकेश श्रीवास्तव एवं कार्यालय सहायक इल्मा नूर ने की। इस अवसर पर सिलाई, फास्ट फूड, ब्यूटी पार्लर, रेफ्रिजरेशन एंड एयर कंडीशनर, जूट, अगरबत्ती निर्माण आदि ट्रेड्स के सफल एलुमनी को सम्मानित किया गया।
सिलाई ट्रेड से प्रशिक्षण प्राप्त मीस गुड़िया आज अपने गांव में मारुति इंस्टिट्यूट बुटीक एवं आर्ट स्कूल चला रही हैं, जहां तीन महिलाओं को भी रोजगार मिला है। वहीं, दीपक विश्वकर्मा, जिन्होंने रेफ्रिजरेशन एंड एयर कंडीशनर ट्रेड में प्रशिक्षण लिया था, अब गाजीपुर शहर में आदि इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान चला रहे हैं।
गरिमा कुशवाहा आदर्श बाजार गाजीपुर में शिवा ब्यूटी पार्लर चला रही हैं और चार लोगों को रोजगार दे रही हैं। नेहा यादव देवकठिया में सावित्री अगरबत्ती के नाम से अपनी फर्म संचालित कर रही हैं। ये सभी आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत कदम बढ़ा रहे हैं।
आरसेटी निदेशक संजय सिंह ने बताया कि अब तक सैकड़ों युवाओं को प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ा जा चुका है। कई एलुमनी ने लोन लेकर व्यवसाय शुरू किया और आज बैंक के नियमित ग्राहक बनकर पुनर्भुगतान भी कर रहे हैं। इससे सरकार की दी-योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी ऋण, मुद्रा लोन जैसी योजनाओं का भी सकारात्मक प्रभाव स्पष्ट होता है।
कार्यक्रम में उपस्थित वर्तमान प्रशिक्षणार्थियों ने कहा कि सफल एलुमनी से मिलना उनके लिए बेहद प्रेरणादायक रहा। उन्होंने सीखा कि छोटी सी शुरुआत से भी बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है, यदि ईमानदारी, निरंतरता और सकारात्मक सोच बनी रहे।
अंत में वरिष्ठ संकाय मुकेश श्रीवास्तव ने सभी प्रतिभागियों से स्वरोजगार को बढ़ावा देने तथा वुमेन टेलर्स, कृत्रिम आभूषण, जूट प्रोडक्ट, पेपर बैग, कृषि संबंधी कार्य, डेयरी फार्मिंग, बकरी-सुअर पालन जैसे कार्यों के लिए दूसरों को प्रेरित करने का संकल्प दिलाया। उन्होंने बताया कि ऐसे कार्यक्रम आगे भी नियमित रूप से आयोजित होंगे, ताकि ट्रेनी और एलुमनी के बीच मजबूत नेटवर्क तैयार किया जा सके।