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असम में ‘बांग्लादेश चलो’ अभियान ने पकड़ी रफ्तार

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हिंदू अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन

श्रीभूमि (असम)। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे कथित अत्याचारों के खिलाफ भारत में भी विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। असम के श्रीभूमि जिले में सैकड़ों की संख्या में सनातनी एक्य मंच के कार्यकर्ताओं ने बांग्लादेश सीमा की ओर कूच करने की कोशिश की। हालांकि, सुरक्षाबलों ने उन्हें बॉर्डर के करीब ही रोक दिया।

‘बांग्लादेश चलो’ अभियान का शुभारंभ
सनातनी एक्य मंच ने पूरे असम में ‘बांग्लादेश चलो’ अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत मंच के कार्यकर्ता बांग्लादेश में हो रही हिंसा के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे को उठाने की मांग की है।

अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग
प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश सरकार पर हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने मुस्लिम कट्टरपंथियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। मंच के कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट किया है कि उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक कि बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जाती।

भारत सरकार से हस्तक्षेप की अपील
प्रदर्शनकारियों ने भारत सरकार से अपील की है कि वह बांग्लादेश पर कूटनीतिक दबाव बनाते हुए वहां हिंदुओं के अधिकारों और सुरक्षा की गारंटी दिलाए। वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने भी बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा जताते हुए कहा, “मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री इस समस्या का समाधान जरूर निकालेंगे। भारत के लोगों की दुआएं बांग्लादेशी हिंदुओं के साथ हैं।”

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उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने पहले ही इस मुद्दे पर बांग्लादेश सरकार पर कूटनीतिक दबाव बनाना शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय इस मामले को लेकर सक्रिय हैं। असम समेत देश के अन्य हिस्सों में भी इस मामले को लेकर लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है। सनातनी एक्य मंच ने स्पष्ट किया है कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा, लेकिन यह तब तक नहीं रुकेगा जब तक बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को न्याय और सुरक्षा नहीं मिल जाती।

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