वाराणसी
संस्कार के साथ शिक्षा जरूरी, तभी होगी तरक्की – राज्यपाल आनंदी बेन पटेल
वाराणसी। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि ऊंची-ऊंची इमारतों से संस्कार नहीं आते, बल्कि ये माता-पिता और गुरुओं के आचरण से विकसित होते हैं। उन्होंने बेटियों की शिक्षा को देश की उन्नति के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि एक शिक्षित बेटी न केवल दो परिवार बल्कि सात पीढ़ियों को शिक्षित करती है।
बुधवार को पिंडरा के महारानी गुलाब कुँवरि महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आयोजित तीन महाविद्यालयों के संयुक्त दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने युवाओं को समय की अहमियत समझने की सीख दी।
उन्होंने अपने जीवन का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे उन्होंने 6 बहनों और 4 भाइयों के बीच पैदल स्कूल जाकर शिक्षा ग्रहण की और घर का काम भी किया। यह सब उनके माता-पिता के सहयोग से संभव हुआ। उन्होंने छात्राओं से अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहने और हर बाधा को पार कर सफलता हासिल करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि शुद्ध और शांत वातावरण में पढ़ाई करना सौभाग्य की बात है क्योंकि बड़े शहरों में प्रदूषण और भागदौड़ भरे जीवन में यह मुमकिन नहीं। शिक्षा को व्यक्तित्व निर्माण का प्रमुख आधार बताते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षित और संस्कारी महिलाओं का योगदान देश के विकास में अनमोल है। उन्होंने महिलाओं को वैश्विक मंच पर उनकी उपलब्धियों के लिए सराहा, चाहे वह राजनीति हो, अंतरिक्ष हो या शिक्षा।
कार्यक्रम के दौरान काशी नरेश अनंत नारायण सिंह ने स्वागत भाषण देते हुए आयोजन में शामिल सभी का आभार जताया। काशी विद्यापीठ के कुलपति आनंद कुमार त्यागी ने रोजगार के अवसरों की दिशा में कदम बढ़ाने की बात कही जबकि कर्नाटक संस्कृत विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर एस. अहिल्या ने ग्रामीण महिलाओं को शिक्षित करने पर जोर दिया।राज्यपाल ने छात्राओं को उपाधियाँ और स्वर्ण पदक प्रदान कर सम्मानित किया।
बीए की छात्रा प्रीति शिफत परवीन और वैशाली को परीक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर महारानी जयंती कुँवरि स्मृति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही पिंडरा रामनगर और गंगापुर के सैकड़ों छात्र-छात्राओं को उपाधियाँ प्रदान की गईं। कार्यक्रम की शुरुआत और समापन राष्ट्रगान से हुआ।