वाराणसी
बीएचयू के 104वें दीक्षांत समारोह में चार छात्राओं ने जीते छह गोल्ड मेडल
1054 छात्राओं को मिलीं उपाधियां
वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के 104वें दीक्षांत समारोह में आर्य महिला पीजी कॉलेज की चार छात्राओं ने छह गोल्ड मेडल प्राप्त किए। इस समारोह में 1054 छात्राओं को उपाधियां दी गईं। समारोह का आयोजन के एन उड्डप्पा सभागार में किया गया जिसमें मुख्य अतिथि संपूर्णानंद संस्कृत विद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बिहारी लाल शर्मा और विशिष्ट अतिथि बीएचयू कला संकाय की डीन प्रोफेसर बृंदा डी परांजपे मौजूद थीं।
प्रोफेसर बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि दीक्षांत समारोह केवल शिक्षा की प्राप्ति नहीं, बल्कि एक नए सफर की शुरुआत है। उन्होंने छात्राओं को भविष्य में आने वाली मुश्किलों से लड़ने की प्रेरणा दी। प्रोफेसर बृंदा डी परांजपे ने स्त्री शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि एक शिक्षित महिला समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकती है और परिवार की भलाई के लिए सही निर्णय लेने में सक्षम होती है।
कार्यक्रम का शुभारंभ छात्राओं के कुलगीत और मंगलाचरण से हुआ। महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर रचना दुबे ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की। इस दौरान विभागाध्यक्ष और महाविद्यालय के शिक्षिकाएं एवं कर्मचारी भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
इस समारोह में स्नातक और परास्नातक स्तर की छात्राओं को सम्मानित किया गया। सामाजिक विज्ञान वर्ग से कुमारी सोनाली यादव को समाजशास्त्र में कला वर्ग से कुमारी उजाला सोनी को गृह विज्ञान में और कुमारी शिंजनी अइच को इतिहास में गोल्ड मेडल मिला।
इसके अलावा कुमारी श्रेष्ठा सिन्हा को बंगाली विषय में और कुमारी उजाला सोनी को रानी विष्णु पाल कुमारी प्राइस तथा डॉक्टर एस जानकी प्राइस प्राप्त हुआ। इसके अलावा तीन छात्राओं को पीएचडी की उपाधि भी दी गई जिनमें खुशबू और पूजा शर्मा मनोविज्ञान विभाग से और स्वेता चौरसिया राजनीति विज्ञान विभाग से थीं।
कुल मिलाकर, 1054 छात्राओं को उपाधियां दी गईं, जिसमें कला वर्ग से 381, सामाजिक विज्ञान से 495, वाणिज्य से 122, बीएड से 53, और पीएचडी से 3 छात्राएं शामिल थीं। इस कार्यक्रम में बीएड की 53 छात्राओं को भी उपाधि प्रदान की गई।