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वाराणसी

बच्चों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण जरूरी – विनोद कुमार पटेल

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अंकुरम स्कूल में एक दिवासी कराटे प्रतियोगिता संपन्न

वाराणसी। गैस गोदाम (टकटकपुर) स्थित अंकुरम स्कूल में एक दिवसीय कराटे का आयोजन किया गया था। सेम्सटी मोहम्मद आरिफ (सेकंड डैम ब्लैक बेल्ट) ने बताया कि कराटे एक जापानी मार्शल आर्ट है, जिसकी शुरुआत जापान के ओकिनावा शहर से हुई थी। कराटे का मतलब होता है “खाली हाथ की कला,” यानी बिना किसी हथियार के आत्मरक्षा करना।

हाल ही में कराटे का एक कार्यक्रम हुआ, जिसमें बेल्ट एग्ज़ाम आयोजित किए गए थे। ये एग्ज़ाम बच्चों की मेहनत और उनके प्रशिक्षण के आधार पर होते हैं। बेल्ट का स्तर यह बताता है कि कोई छात्र किस स्तर पर है और उसने कितना ज्ञान और कौशल हासिल किया है।

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शुरुआत येलो बेल्ट से होती है फिर ऑरेंज, ग्रीन, ब्लू, पर्पल, ब्राउन और अंत में ब्लैक बेल्ट आता है। ब्लैक बेल्ट का मतलब है कि व्यक्ति अब मेच्योर हो चुका है और उसे कराटे का पर्याप्त ज्ञान और समझ है।

विनोद कुमार पटेल ने (चार डैम ब्लैक बेल्ट) बताया कि उन्होंने 2004 में इसकी शुरुआत की थी लेकिन इसे औपचारिक रूप से 2013 से बच्चों को सिखाना शुरू किया। उन्होंने कहा कि अंकुरम स्कूल से 2018 से हम लोगों का समझौता है। वे विशेष रूप से बच्चों को आत्मरक्षा सिखाने पर जोर देते हैं ताकि वे किसी भी मुसीबत का सामना कर सकें। इस प्रयास से बच्चों को न केवल आत्मरक्षा का प्रशिक्षण मिलता है बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता है। इसमें कक्षा प्री नर्सरी से कक्षा एक तक के नन्हे मुन्नों ने कार्यक्रम में भाग लिया।

स्कूल की प्रधानाचार्य सरिता सिंह का कभी महत्वपूर्ण योगदान रहा और अध्यापक-अध्यापिकाओं का भी पूरा सहयोग रहा।

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