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पुणे पोर्श केस : 2 लोगों की जान लेने वाले नाबालिग का पिता गिरफ्तार

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शराब परोसने वाला पब मालिक गिरफ्तार

पुणे में पोर्श कार हादसा चर्चा में है। शहर में एक बिल्डर के नाबालिग बेटे ने शराब के नशे में धूत होकर पोर्श कार से युवक-युवती को कुचल दिया था, जिससे दोनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। मरने वालों की पहचान अनीश अवधिया और उसकी साथी अश्विनी कोष्टा के रूप में हुई है। वे दोनों आईटी सेक्टर में काम करते थे। घटना के 14 घंटे बाद आरोपी नाबालिग को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई। जज ने यह कहते हुए जमानत दे दी कि, दुर्घटना पर 300 शब्दों पर निबंध लिखो और शहर के चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस के साथ 15 दिन तक कार्यप्रणाली देखो।

इस मामले की चारों तरफ किरकिरी होते देख पुलिस ने मंगलवार को औरंगाबाद जिले के छत्रपति संभाजीनगर क्षेत्र से आरोपी नाबालिग लड़के के रियल एस्टेट डेवलपर पिता विशाल अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले सोमवार को पुलिस ने हाईकोर्ट से आरोपी पर वयस्क अभियुक्त के रूप में मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी है।‌ पुलिस ने आरोपी के पिता के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। इससे पहले निचली अदालत ने पुलिस की अपील को खारिज कर दिया था।

वहीं इस मामले में पुलिस ने नाबालिग को शराब परोसने वाले पब मालिक को भी गिरफ्तार किया है। पुणे पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार का कहना है, ‘हम धारा 304-ए की जगह कड़ी धारा 304 लगाने की मांग लेकर कोर्ट गए हैं। क्योंकि दो पब्स से मिले सीसीटीवी फुटेज से किशोर हादसे से पहले शराब पीता नजर आ रहा है। हमने शराब पीकर गाड़ी चलाने का चार्ज लगाने का भी फैसला लिया है। अब अगर कोर्ट धारा 304-ए को धारा 304 से बदल देता है, तो दोषी ठहराए जाने पर 10 सालों की सजा हो सकती है। जबकि, धारा 304-ए में दो सालों की बात कही गई है। इसके अलावा IPC की धारा 337 और 338 में भी अधिकतम दो सालों की सजा हो सकती है।

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