मिर्ज़ापुर
जिलाधिकारी ने 10 अधिकारियों का रोका वेतन
आंगनबाड़ी केंद्रों और विद्यालयों की स्थिति पर जतायी नाराजगी
मिर्जापुर। कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन की अध्यक्षता में जिला पोषण समिति और जिला स्तरीय कन्वर्जेंस समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण, लर्निंग लैब की प्रगति और विद्यालयों पर विद्युत तारों को हटाने जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर समीक्षा की गई।
जिलाधिकारी ने पिछले निर्देशों के अनुपालन में लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए 10 अधिकारियों का वेतन रोकने का निर्देश दिया। इनमें मुख्य चिकित्साधिकारी, उप मुख्य चिकित्साधिकारी (आरबीएसके), जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता (प्रथम और द्वितीय), जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, सीडीपीओ मड़िहान, खंड विकास अधिकारी मड़िहान/पटेहरा, और छानबे शामिल हैं।
निर्माणाधीन आंगनबाड़ी केंद्रों की धीमी प्रगति पर सख्ती
बैठक में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में स्वीकृत 62 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 53 केंद्र पूरे हो चुके हैं, जिनमें से 32 को हैंडओवर किया गया है। शेष केंद्र छोटी-मोटी कमियों और विद्युतीकरण के अभाव में लंबित हैं। जिलाधिकारी ने 15 दिनों के भीतर शेष केंद्रों को पूरा कर हैंडओवर सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
विद्युत तारों को हटाने में देरी पर निर्देश
जिलाधिकारी ने प्राथमिक विद्यालयों के ऊपर से विद्युत तारों को हटाने में हुई देरी पर भी सख्ती दिखाई। 38 विद्यालयों की सूची दी गई थी, लेकिन केवल 16 पर कार्य हुआ। जिलाधिकारी ने शेष विद्यालयों पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
आरबीएसके टीम की कार्यप्रणाली पर नाराजगी
आरबीएसके टीम द्वारा प्राथमिक विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर समय से न पहुंचने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई। उन्होंने निर्देश दिया कि टीम रोस्टर के अनुसार केंद्रों पर पहुंचे और बच्चों को आयरन सिरप और आयरन की गोलियां वितरित करें।
मार्च 2025 तक सभी निर्माण कार्य पूरे करने का निर्देश
जिलाधिकारी ने 2023-24 और 2024-25 में स्वीकृत आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण कार्य मार्च 2025 तक पूर्ण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को प्राथमिक विद्यालयों में जमीन उपलब्ध कर आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण के प्रस्ताव तुरंत प्रस्तुत करने को कहा।
बैठक में पोषण ट्रैकर, पोषाहार वितरण, हॉट-कुक भोजन, वजन मशीन की उपलब्धता और एनआरएस में भर्ती बच्चों की स्थिति पर भी चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने सैम और मैम बच्चों की स्थिति पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी वाणी वर्मा, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सी.एल. वर्मा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अनिल वर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।