वाराणसी
गंगा का जलस्तर बढ़ने से नावों और सैलानियों पर व्यापक असर

मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र दोनों शमशान घाट डूबे
वाराणसी। जनपद में बारिश से जहां आम जन जीवन को गर्मी से राहत मिल रही है तो वहीं दूसरी तरफ घाटों और सड़कों का हाल बेहाल हो गया है। लगातार बारिश के वजह से गंगा का जलस्तर बढ़ने से नावों और सैलानियों पर असर पड़ा है। जलस्तर पांच सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है। बुधवार सुबह 8:00 बजे तक गंगा का जलस्तर राजघाट के पास 66.72 मीटर दर्ज किया था। तो वहीं सड़कों पर भी जल भराव के कारण राहगीरों को आने-जाने में परेशानियां हो रही है।
ऐसा ही हाल गुरुधाम चौराहे के पास इस्कॉन मंदिर के सड़क के दुकानों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है। जिससे दुकानदारों को इस समस्या का सामना करना पड़ा है। आपको बता दें कि सावन के बाद भादो महीने में तीसरी बार बाढ़ का पानी अब निचले इलाकों तक पहुंच गया है। गंगा के जलस्तर में लगातार पांचवी बार बढ़ाव हो रहा है। गुरुवार को बढ़ाव की रफ्तार पहले दिन के मुकाबले आधी रह गई।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा के जलस्तर में 2.3 सेंटीमीटर प्रति की रफ्तार से बढ़ाव हो रहा है। गुरुवार को गंगा का जलस्तर रात आठ बजे 68.10 मीटर दर्ज किया गया। जलस्तर का ट्रेंड बढ़ाव का ही बना हुआ है। बढ़ते जलस्तर ने एक बार फिर तटवासियों और ढाब क्षेत्र के लोगों की धुकधुकी बढ़ा दी है। गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर से 2.16 मीटर नीचे है।
तो वहीं गुरुवार को सुबह आठ बजे तक 67.82 मीटर पहुंच गया। जलस्तर बढ़ने से काशी के दोनों श्मशान घाट डूब चुके हैं और वरुणा में भी उफान है। वरुणा से सटे निचले इलाकों की आबादी अपना साजो-सामान समेटने लगी है और कई परिवारों ने तो पहली मंजिल पर सामान रख दिया है।