वाराणसी
“काशी में मांस-मदिरा की दुकानें परिक्षेत्र से बाहर होनी चाहिए” : धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

सनातन का प्रचार हम करेंगे : धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
महादेव की नगरी काशी में गुरुवार को प्रातः काल बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पहुंचे। अपने दो दिवसीय यात्रा के दौरान उन्होंने श्री काशी विश्वनाथ, दुर्गाकुंड स्थित मां दुर्गा मंदिर में जाकर दर्शन-पूजन किया। दूसरे दिन शुक्रवार को वह गया, बिहार के लिए प्रस्थान कर गए। इस दौरान उन्होंने प्रस्थान करने के पूर्व मीडिया कर्मियों से कई मुद्दे पर खुलकर बातचीत की।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि, “हमारा सौभाग्य है कि आज बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने हम काशी आए। रात को मणिकर्णिका घाट पर समय बिताया। कुंड वाली दुर्गा माता के दर्शन किए। काशी हमारे प्राण हैं। हमारे दादा गुरुजी का शरीर यही पर पूर्ण हुआ था। काशी हमारे रोम-रोम में हैं, काशी के वासी हमारे सिरमौर हैं। काशी भगवान विश्वनाथ की नगरी है।”
उन्होंने कहा कि, काशी में बिकने वाली मांस-मदिरा की दुकानें परिक्षेत्र के बाहर हो जानी चाहिए। तब फिर काशी का क्या कहना, बम-बम भोले हो जाएगा। तो वहीं, तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट पर उपजे विवाद पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, “ये देश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है, मंदिर और मठों के जितने आचार्य हैं। अगर प्रसाद की शुद्धता का ध्यान रखना है, तो हर मंदिर-मठ की अपनी गौशाला होनी चाहिए।”
भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने पर दिया बल –
भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने से जुड़े सवाल के जवाब में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि, “सनातन का प्रचार हम करेंगे। यहां आते समय मुझे हरे झंडे दिखाई दिए। भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है कि नहीं ? हिंदुओं को एकजुट करने और सनातन के प्रचार के लिए 21 से 30 नवंबर तक बागेश्वर से रामराज ओरछा तक पदयात्रा करूंगा। 1 दिन में 20 किलोमीटर तक चलूंगा। इसका मकसद हिंदू एकता को मजबूत करना है। भारत के हिंदुओं को जगाने के लिए, सनातनियों को एक करने के लिए भारत यात्रा पर निकलेंगे। बिछड़े और पिछड़े लोगों को गले लगाएंगे।”